जब चंद्र ग्रह मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में प्रवेश करता है फिर हर दिन एक-एक कला करके आगे बढ़ता है और 15वें दिन चित्रा नक्षत्र में पूर्ण हो जाता है तब जो महीना शुरू होता है वह चैत्र का महीना कहलाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस महीने में चित्रा नक्षत्र लगता है। अंग्रेजी पंचांग के मुताबिक, इस वर्ष चैत्र का महीना कल 29 मार्च से शुरू हो गया है और हिंदू पंचांग के अनुसार पहले ही दिन से कृष्ण पक्ष शुरू हो जाता है।
लेकिन यह भी कहा जाता है कि नया हिन्दू वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है जो 13 अप्रैल को शुरू होगा और इसी दिन से नवरात्रि भी प्रारंभ हो रही है। नवरात्रि के साथ इस दिन गुड़ी पड़ा भी मनाया जाएगा और इसी दिन से विक्रम संवत 2078 आरंभ हो जाएगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सनातन धर्म में नया वर्ष चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है। अधिकतम लोग इसे नवसंवत्सर कह कर बुलाते हैं वहीं महाराष्ट्र में लोग इस दिन को गुड़ी पड़वा के नाम से मनाते हैं। अगर बात करें ईरान की तो वहां पर इस तिथि को नौरोज के नाम से जाना जाता है।
असम में इसे रोंगली बिहू, पंजाब में वैशाखी, जम्मू कश्मीर में नवरेह, आंध्र प्रदेश में उगादिनाम, केरल में विशु और सिंध में चेटीचंड कह कर बुलाते हैं। इस दिन से ना ही सिर्फ विक्रम संवत 2078 के साथ नवरात्रि की शुरुआत हो रही है बल्कि इस दिन भगवान राम और युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी हुआ था और सिख समुदाय के दूसरे गुरु अंगद देव ने जन्म लिया था।
इस चैत्र महीने से हिन्दू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है, इसी के साथ प्रकृति में कई तरह के बदलाव आते हैं। चैत्र महीने में मौसम बहुत खुश मिजाज हो जाता है और हर जगह लाल, नारंगी, पीले, नीले, सफेद और गुलाबी रंग के फूल भी खिलते हैं। इसी महीने से पेड़ों पर नए पत्ते उगने शुरू हो जाते हैं।
बहुत पहले मार्च के महीने से ही मंगल कार्य शुरू हो जाते थे और नए बहीखाते तैयार किए जाते थे। कहा जाता है कि ऋतु, महीना, तिथि, पक्ष और ग्रह की गिनती चैत्र महीने से प्रारंभ होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मार्च के महीने से ही मेष राशि का प्रारंभ होता है।