केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अतिरिक्त खर्च के रूप में 51,463 करोड़ रुपये की मंजूरी मांगी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अनुदान मांगों की प्रस्तुति के दौरान यह प्रस्ताव रखा। इस राशि का उपयोग विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, बुनियादी ढांचे के विकास और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों में किया जाएगा।
यह कदम सरकार की विकासोन्मुख नीतियों और आर्थिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। अतिरिक्त खर्च से ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार की उम्मीद है। विशेष रूप से, ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 15वें वित्त आयोग के अनुदान में वृद्धि से पंजाब, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में विकास कार्यों को गति मिलने की संभावना है।
सरकार का यह प्रयास ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के सुधार, रोजगार सृजन और सामाजिक कल्याण योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस अतिरिक्त खर्च से आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा और नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी।