देश में आसानी से मोबाइल सिम कार्ड हासिल करने के दिन अब लदने वाले हैं. सिम कार्ड के जरिए होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार अब सिम कार्ड हासिल करने के नियम कड़े करने जा रही है. वर्तमान में कोई भी व्यक्ति 21 तरह के डॉक्यूमेंट्स में से किसी एक को दिखाकर नया सिम ले सकता है. लेकिन, अब सरकार इन डॉक्यूमेंट्स की संख्या 5 तक करेगी. नया नियम जल्द ही लागू हो सकता है.
एक हिंदी अखबार की खबर के अनुसार, सरकार के द्वारा उठाये जाने वाले इस कदम से फर्जी दस्तावेजों के जरिए सिम कार्ड लेना मुश्किल होगा. सीएनबीसी आवाज के असीम मनचंदा ने कहा कि अब कहीं भी आसानी से सिम कार्ड मिलना मुश्किल होगा.
सरकार केवाईसी की प्रक्रिया को कड़ी करने का मन बना चुकी है. इसीलिए वह अब सिम लेने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले दस्तावेजों की संख्या को कम कर रही है. सिम से संबंधित नए नियम 10 से 15 दिनों में लागू हो सकते हैं.
देश में फिलहाल सिम लेने के लिए 21 दस्तावेजों में से किसी एक का इस्तेमाल किया जा सकता है. इनमें आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड, बिजली बिल, आर्म्स लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, राशन कार्ड, एमपी या एमएलए की चिट्ठी, पेंशनर कार्ड, फ्रीडम फाइटर कार्ड, किसान पासबुक सीजीएचएस कार्ड , फोटो क्रेडिट कार्ड जैसे दस्तावेजों की मदद से सिम कार्ड मिल जाता है.
फर्जी सिम कार्ड का प्रयोग वित्तीय धोखाधड़ी करने और आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में धड़ल्ले से हो रहा है. सरकार ने इसे रोकने के लिए सरकार सिम कार्ड मिलने के नियम कड़े करेगी. आगे अब कोई भी व्यक्ति केवल आधार, वोटर कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड और बिजली बिल से ही सिम कार्ड हासिल कर सकेगा.
सरकार अब नया बैंक खाता खुलवाने पर भी सख्ती बढ़ा सकती है. फिलहाल किसी भी बैंक में नया खाता खुलवाने के लिए ऑनलाइन ई-केवाईसी के जरिए आधार से डिटेल्स लेकर उसको वैरिफाइ किया जाता है. लेकिन जल्द ही इस काम के लिए सरकार फिजिकल वैरिफिकेशन अनिवार्य कर सकती है. दरअसल, बीते कुछ साल से बैंकों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े है. रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में ऐसे मामलों में फंसी राशि 41,000 करोड़ रुपये थी.