उत्तराखंड के ऋषिकेश में नियुक्ति और खरीदारी में घपले के आरोप से घिरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में बीते वर्ष फरवरी में सीबीआइ की टीम ने छापा मारा था। बता दे कि पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
हालांकि शुक्रवार को फिर से एक डीएसपी के नेतृत्व में सीबीआइ की टीम में शामिल सात लोग एम्स ऋषिकेश पहुंचे हैं। यहां वह चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में आवश्यक पूछताछ कर रहे हैं।
इसी के साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद और केमिस्ट शाप के आवंटन में बीते वर्ष फरवरी माह में गड़बड़ी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) बड़ी कार्रवाई की थी। बता दे कि इस सिलसिले में सीबीआइ ने बीते वर्ष अप्रैल माह में आपराधिक षडयंत्र कर धोखाधड़ी करने के दो मुकदमे दर्ज किए थे।
हालांकि इनमें एम्स के तीन प्रोफेसरों, एक प्रशासनिक अधिकारी और एक लेखाधिकारी को नामजद किया गया है। इसी के साथ ही सीबीआइ ने शुक्रवार को उत्तराखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 24 स्थानों पर आरोपितों के ठिकानों पर छापे डाले थे।
बता दे कि संबंधित मामले में सीबीआइ ने दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए थे। एम्स ऋषिकेश में उपकरणों की खरीद और दवा की दुकान के आवंटन में गड़बड़ी की जांच सीबीआइ बीते वर्ष फरवरी से कर रही थी।
हालांकि तीन से सात फरवरी तक सीबीआइ टीम ने यहां डेरा डालकर शिकायतों से संबंधित दस्तावेज खंगाले थे। अब इस प्रकरण में सीबीआइ ने दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं।
उस वक्त सीबीआइ प्रवक्ता ने बताया था कि एम्स प्रशासन ने वर्ष 2017-18 में अस्पताल परिसर की सड़कों की सफाई के लिए स्वीपिंग मशीन खरीदी थी। जिस कमेटी के माध्यम से खरीद प्रक्रिया पूरी कराई गई, उसमें अनियमितता पाई गई। इसमें करीब 2.41 करोड़ रुपये की गड़बड़ी की गई।