बिलासपुर मे पशुपालकों को रोजगार देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र बरठीं ने अनूठी पहल शुरू की है। विज्ञान केंद्र ने बल्ह सीहणा गांव को गोद लिया है। कृषि विज्ञान केंद्र की तरफ से गांव के सौ लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है। ये लोग कृषि विज्ञान केंद्र बरठीं के मार्गदर्शन में गाय के गोबर से धूप, अगरबत्ती, हवन की समिधा और गमले बनाना सीख रहे हैं।
इसी के साथ गांव में तीन लाख रुपये की मशीनें भी स्थापित कर दी गई हैं। यहां पर गाय के गोबर के गमले भी बनाए जाएंगे। इनकी विशेषता यह होगी कि यह गमले सस्ते भी होंगे और पौधों को इनसे जरूरी पोषक तत्व भी मिलते रहेंगे। यदि गोबर बच जाता है तो उसको सूखाकर इसका पाउडर बद्दी की फैक्ट्रियों में भेजा जाएगाए जहां पर भट्ठियों में ईंधन के रूप में इसका उपयोग होगा
बता दे कि जिले में बहुत लोग पशुपालन से जुड़े हैं। इन लोगों के पास अपनी जरूरत को पूरा करने के बाद पशुओं का गोबर बच जाता है, जिसका अब उपयोग हो पाएगा। इससे गांव और शहरों में स्वच्छता भी होगी|