भूधंसाव से अस्तित्व संकट का सामना कर रहे जोशीमठ को बचाने और स्थानीय नागरिकों के पुनर्वास को सरकार ने रणनीतिक कदम उठाने की तैयारी कर ली है।
बता दे कि धंसाव के लिए अब तक बड़े कारण के रूप में अलकनंदा नदी से जोशीमठ की तलहटी में हो रहे कटाव को आंका गया है। इसी के साथ पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल की शुक्रवार को होने वाली बैठक में टो इरोजन रोकने के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा।
हालांकि क्षेत्र में असुरक्षित हो गए भवनों के निवासियों के अस्थायी एवं स्थायी पुनर्वास के साथ ही उन्हें तत्काल राहत के रूप में मुआवजा देने के प्रस्ताव पर भी मंत्रिमंडल की मुहर लगेगी। साथ ही केंद्र को भेजे जाने वाले लगभग एक हजार करोड़ के राहत पैकेज को भी स्वीकृति दी जाएगी।
इसी के साथ राज्य सरकार के साथ ही केंद्रीय संस्थानों के स्तर से भूधंसाव के कारणों की पड़ताल भी की जा रही है। बताया जा रहा है कि अभी तक प्रारंभिक तौर पर जो भी निष्कर्ष सामने आए हैं, उन पर अब मंत्रिमंडल की मुहर लगेगी।
आपदा प्रबंधन सचिव डा रंजीत सिन्हा ने गुरुवार को बताया कि जोशीमठ की सुरक्षा और पुनर्वास को लेकर शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में अहम निर्णय लिए जाएंगे।