कलयुग के इस समय में जहां बच्चे अपने माता-पिता से किनारा कर रहे हैं। वहीं कुछ विरले बच्चे ऐसे भी हैं जो अपने माता-पिता की इच्छा को पूरी करने के लिए श्रवण कुमार बन अपने जिम्मेदारी को निभा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के इटेड़ा के रहने वाले अजय कुमार और बुलंदशहर के धराऊं के देव ऐसे ही दो श्रवण हैं।
अजय अपने कंधों पर कांवड़ में एक तरफ अपनी मां बाला देवी और दूसरी तरफ 51 किलोग्राम गंगाजल लेकर हरिद्वार से घर की ओर रवाना हुए। वह घर पहुंचने पर अपनी माता के साथ स्थानीय शिवालय पर जलाभिषेक करेंगे। देव भी अपनी 100 साल की मां सरस्वती को कांवड़ पर बैठाकर बुलंदशहर से हरिद्वार की ओर निकले। हर की पैड़ी से गंगाजल लेकर घर की ओर रवाना हुए।