आज एक बार फिर संसद में हलचल है. पक्ष और विपक्ष दोनों तैयार हैं. शीतकालीन सत्र के बाद आज से बजट सत्र की शुरुआत होने जा रही है. पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव के बीच बजट सत्र शुरू हो रहा है. जिसके लिए केंद्र सरकार और विपक्ष ने अपनी-अपनी तैयारी कर रखी है. संसद के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां कई मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए तैयार बैठी हैं. दो दिनों से फिर गरमाया पेगासस स्पाईवेयर को लेकर भी संसद में तीखी नोकझोंक देखने को मिल सकती है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे.
उसके बाद बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज ही साल 2021-22 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी. इसके बाद मंगलवार 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में साल 2022 का बजट पेश करेंगी. संसद के बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चलेगा. इसके बाद विभिन्न विभागों के बजटीय आवंटन पर विचार के लिए अवकाश रहेगा. बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से आरंभ होगा, जो आठ अप्रैल तक चलेगा। कोविड महामारी की गाइडलाइन को देखते हुए सत्र के पहले चरण के दौरान लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें दिन में अलग-अलग समय पर आयोजित होंगी.
बजट सत्र के पहले दो दिन शून्यकाल, प्रश्नकाल नहीं होंगे. बजट सत्र से पहले मोदी सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है. आज सरकार अपना आर्थिक सर्वेक्षण (इकोनॉमिक सर्वे) पेश कर रही है. आइए जानते हैं आर्थिक सर्वे क्या होता है.
बजट से एक दिन पहले पेश किए जाने वाला आर्थिक सर्वेक्षण क्या होता है
हर साल केंद्र सरकार अपना आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती हैं. बजट से एक दिन पहले आने वाला आर्थिक सर्वेक्षण (इकोनॉमिक सर्वे) किसी भी सरकार का पूरे साल के विकास योजनाओं का लेखा-जोखा होता है. जिसके आधार पर यह देखा जाता है कि पिछले एक साल में देश की अर्थव्यवस्था किस तरह की रही. इसके साथ ही कहां पर नुकसान हुआ और कहां पर फायदा हुआ इसका आंकलन भी इसी सर्वे से लगाया जाता है. इकोनॉमिक सर्वे या आर्थिक समीक्षा को वित्त मंत्रालय का महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज माना जाता है.
इसे चालू वित्त वर्ष को लेकर केंद्र सरकार की रिपोर्ट के तौर पर भी देखा जाता है. इसमें न सिर्फ पिछले वित्त वर्ष को एनालाइज किया जाता है बल्कि इससे अगले वित्त वर्ष की दिशा को लेकर भी जानकारी मिलती है. बता दें कि देश का पहला इकोनॉमिक सर्वे 1950-51 में पेश किया गया था. वर्ष 1964 तक इसे केंद्रीय बजट के साथ पेश किया जाता था. 1964 से इसे बजट से अलग कर दिया गया. बजट से पहले क्यों पेश की जाती है आर्थिक समीक्षा . इकोनॉमिक सर्वे में चालू वित्त वर्ष के परफॉर्मेंस का रिव्यू किया जाता है. ऐसे में इससे केंद्रीय बजट को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है. सर्वे से देश को अगले वित्त वर्ष की प्राथमिकताएं तय करने में मदद मिलता है.
–शंभू नाथ गौतम