उत्तराखंड के काशीपुर द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार ने साक्ष्य के अभाव में सगी बहन के हत्यारोपी को दोषमुक्त करार दे दिया।
बता दे कि आरोपित राजवीर पुत्र जीराज सिंह निवासी नवलपुर पर थाना कुंडा में साल 2019 में धारा 302 व 201 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।
जहां वादी कुलदीप सिंह पुत्र जीराज सिंह निवासी नवलपुर ने जून 2019 में बहन की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
हालांकि पूछताछ में वादी के भाई राजवीर ने बताया कि उसकी बहन पड़ोसी सत्येंद्र से फोन पर बातचीत करती थी।
मना करने पर भी नहीं मानी और बातचीत जारी रही। बता दे कि उस समय गुस्से में आकर उसने अपनी बहन की चुन्नी से गला दबाकर हत्या कर दी और डीजल डालकर जला दिया। मामले की जांच निरीक्षक राजेश कुमार को सौंपी गई।
बताया गया कि द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में 14 गवाहों को पेश किया गया। जिनमें वादी कुलदीप सिंह, विजय कुमार, साबिर हुसैन, जीराज, उप निरीक्षक विजेंद्र कुमार, कांस्टेबल खस्टी आर्य, अमर सिंह, जांच अधिकारी राजेंद्र कुमार, कांस्टेबल जमशेद अली, सत्येंद्र कुमार, मोहन चंद्र पांडे, मनोज कुमार, नोडल अधिकारी वोडाफोन विशाल शर्मा ने गवाही दी।
इसके साथ ही अन्य दस्तावेज साक्ष्य विवेचक ने प्रस्तुत किए। कोर्ट ने सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता एवं बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार मिश्रा व भास्कर त्यागी के तर्कों को सुना।
हालांकि सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता का तर्क था कि अभियुक्त राजवीर का अपराध अत्यंत गंभीर प्रकृति का है और उसे कठोर से कठोर सजा दी जाए।
हालांकि बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार मिश्रा का तर्क था कि अभियोजन द्वारा दिए गए साक्ष्यों के बयानों में परस्पर विरोधाभास है।
विवेचक द्वारा बरामद कराई गई वस्तुओं को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला नहीं भेजा गया।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद साक्ष्यों के अभाव में अभियुक्त राजवीर को शनिवार को कोर्ट ने दोष मुक्त करार दे दिया।