देश में आज पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद नया सवेरा हुआ है. इस नई सुबह में अब पांच राज्यों के हुए विधानसभा चुनाव में हार जीत का आकलन भी शुरू हो गया है. यह ऐसे चुनाव रहा जिसमें कई दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा. इस हार के लिए वे तैयार भी नहीं थे. इसकी वजह है कि वह सत्ता में दोबारा कमान की तैयारी कर रहे थे. वहीं यह चुनाव उनके लिए भी फायदे का सौदा नहीं रहा जिन्होंने ऐनमौके पर पाला बदला था. पहले बात करेंगे हारे हुए दिग्गज नेताओं की। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाजपा के लोकप्रिय चेहरा थे. अपनी परंपरागत खटीमा सीट से इस बार जनता ने उन्हें नकार दिया. कांग्रेस के भुवन चंद कापड़ी ने मुख्यमंत्री धामी को धूल चटा दी. चुनाव नतीजों के बाद राजधानी देहरादून में पार्टी कार्यालय में मौजूद केंद्रीय मंत्री और प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय जीत का जश्न मना रहे थे उस समय पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर उदासी के भाव भी दिखाई दिए.
इसके साथ अब धामी का राजनीतिक करियर भाजपा हाईकमान पर आकर टिक गया है. ऐसे ही उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे हरीश रावत का तो राजनीति करियर ही दम तोड़ गया. लालकुआं सीट से इस बार भी उन्हें सफलता नहीं मिली है. मोहन सिंह बिष्ट ने हरीश रावत को पटखनी दे दी. अगर पंजाब की बात करें तो मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भदौड़ और चमकौर साहिब, दो सीटों से चुनाव मैदान में थे. पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी को दोनों ही सीटों से मात खानी पड़ी है. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर ईस्ट सीट से चुनाव हार गए हैं. अमृतसर ईस्ट सीट से नवजोत सिंह सिद्धू को आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार जीवन ज्योत कौर ने हरा दिया है. आम आदमी पार्टी की लहर में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी चुनाव हार गए. पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला सीट से चुनाव मैदान में थे.
कैप्टन को आम आदमी पार्टी के अजीत पाल सिंह कोहली ने हरा दिया है. पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल का मजबूत गढ़ लंबी भी आम आदमी पार्टी की आंधी में ध्वस्त हो गया. लंबी सीट से प्रकाश सिंह बादल को आम आदमी पार्टी के गुरमीत सिंह खुड़िया ने हरा दिया. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को भी चुनावी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. जलालाबाद सीट से सुखबीर सिंह बादल को आम आदमी पार्टी के जगदीप कम्बोज ने हरा दिया.
चुनाव से ऐनमौके पर इन नेताओं को पाला बदलना पड़ गया भारी-
अब बात करते हैं पाला बदलने वाले नेताओं का हाल. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्या ने बीजेपी छोड़ सपा का दामन थाम लिया था. सपा के टिकट पर फाजिलनगर सीट से चुनाव मैदान में उतरे स्वामी प्रसाद मौर्य को भी हार का सामना करना पड़ा है. ऐसे ही कौशांबी की सिराथू सीट से योगी सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी अपनी सीट नहीं बचा पाए, उन्हें सपा प्रत्याशी पल्लवी पटेल ने हरा दिया. ऐसे ही उत्तराखंड में कद्दावर नेता और धामी सरकार के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की इन चुनावों ने अकड़ निकाल दी.
हरक सिंह का तो राजनीतिक करियर ही ठंडा पड़ गया. हरक सिंह रावत ने ऐनमौके पर भाजपा छोड़कर अपने पैरों पर ही कुल्हाड़ी मार ली. उत्तराखंड की कोटद्वार से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी उनकी पुत्र बहू अनुकृति गुसाईं को भाजपा के दिलीप सिंह रावत ने बुरी तरह हरा दिया. इसके अलावा योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री धर्म सिंह सैनी सपा में आ गए थे उनको भी हार का सामना करना पड़ा. इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में शानदार जीत दर्ज की है. वहीं आम आदमी पार्टी ने पंजाब में इतिहास रच दिया.
–शंभू नाथ गौतम