CBI ने 1980 के दशक के बोफोर्स रिश्वत कांड की जांच के लिए अमेरिकी निजी जांचकर्ता माइकल हर्शमैन से जानकारी प्राप्त करने के लिए लेटर रोगेटरी (LR) भेजा है।हर्शमैन ने 2017 में इस मामले से संबंधित नई जानकारी साझा करने की इच्छा जताई थी।
सीबीआई ने अक्टूबर में LR भेजने की प्रक्रिया शुरू की थी, और उम्मीद है कि यह प्रक्रिया लगभग 90 दिनों में पूरी होगी।
बोफोर्स घोटाला 1980 के दशक में भारतीय सेना के लिए 155 मिमी होवित्जर तोपों की आपूर्ति में कथित रिश्वतखोरी से संबंधित है। इस मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी समेत कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं पर आरोप लगे थे। सीबीआई की हालिया कार्रवाई को कांग्रेस ने राजनीतिक कदम बताते हुए आलोचना की है।
कांग्रेस का कहना है कि यह कदम आगामी चुनावों में राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया है।
सीबीआई की इस नई पहल से बोफोर्स घोटाले की जांच में फिर से सक्रियता आई है, जो लंबे समय से सुर्खियों में था। आने वाले समय में इस मामले में और भी नए खुलासे हो सकते हैं।