केरल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए पीसी थॉमस ने अब एनडीए का साथ भी छोड़ दिया है। केरल कांग्रेस से अलग हुए पीसी थॉमस की अगुवाई वाले गुट ने आगामी विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिलने के बाद मंगलवार देर रात फैसला लिया।
पिछले चुनाव में थॉमस ने कहा कि उनके गुट ने चार विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, मगर इस बार भाजपा एक भी सीट देने को तैयार नहीं थी। इसके बाद थॉमस ने कहा कि उनका गुट केरल कांग्रेस के साथ विलय करेगा और कांग्रेस की अगुवाई वाली यूडीएफ का हिस्सा होगी। हालांकि, पिछले सप्ताह फिर थॉमस का गुट कांग्रेस से अलग हो गया था और भाजपा में शामिल हुआ था।
पीसी थॉमस अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 2003 से 2004 तक कानून और न्याय के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। वह केरल में मुवत्तुपुझा से 1989 से 2009 तक छह बार लोकसभा सांसद रहे हैं। थॉमस ने 2004 में एनडीए को केरल में अपनी पहली चुनावी जीत दर्ज करने में मदद की।
पिछले पांच चुनावों में थॉमस कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के सहयोगी केरल कांग्रेस (मणि) के उम्मीदवार थे। हालांकि, मई 2001 के विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद थॉमस अपने राजनीतिक संरक्षक राज्य के राजस्व मंत्री केएम मणि से अलग हो गए। केरल में 140 सदस्यों वाले विधानसभा चुनाव के लिए 6 अप्रैल को वोटिंग है। वहीं दो मई को नतीजे आएंगे।
बता दें कि पिछले सप्ताह पीसी चाको ने कांग्रेस पार्टी से नाता तोड़ लिया था। केरल में 6 अप्रैल को होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले चाको ने कांग्रेस में गुटबाजी का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया था। कांग्रेस में पार्टी महासचिव रहे पीसी चाको ने कहा था कि कांग्रेस बिना पतवार की नाव है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में अब लोकतंत्र नहीं बचा है। इसके बाद वह शरद पवार की पार्टी एनसीपी में शामिल हो गए थे।