प्रदेश के जैसे हालात हैं ऐसे में कोई भी पंचायत चुनाव करवाने के मूड में नहीं है। लखनऊ की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कौशल किशोर पंचायत चुनाव कराए जाने के खिलाफ हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की है पंचायत चुनाव को कम से कम एक महीने के लिए टाल दिया जाना चाहिए।
‘सांसद कौशल किशोर ने ट्वीट करते हुए कहा कि लखनऊ समेत प्रदेश में कोरोना कंट्रोल से बाहर है। लखनऊ में कई हजार परिवार करोना की चपेट में बुरी तरह बर्बाद हो रहे हैं, श्मशान घाटों पर लाशों के ढेर लगे हैं’ । भाजपा सांसद के इस बयान को लेकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में यह महामारी अपना विकराल रूप ले चुकी है ।
योगी सरकार में कानून मंत्री बृजेश पाठक के बदहाली पर स्वास्थ्य महकमे को लिखे पत्र को लेकर विपक्ष हमलावर है। प्रमुख विपक्षी पार्टी सपा ने मंत्री के पत्र के बहाने राज्य सरकार पर खराब व्यवस्थाओं का आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि खुद सरकार के एक मंत्री ने चिट्ठी लिख कर कोरोना में बदइंतजामी के हालात बयान किए है।
मुख्यमंत्री को क्या सबूत चाहिए? ‘अखिलेश ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण का झूठा ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा सरकार को जवाब देना होगा कि उसने लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ क्यों किया’? वहीं दूसरी ओर यूपी पंचायत चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी मंगलवार को सख्त टिप्पणी की है ।
हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि अब योगी सरकार को लॉकडाउन जैसे कदम उठाने की जरूरत है। हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रभावित नगरों में राज्य सरकार को दो या तीन हफ्ते के लिए लॉकडाउन लगाने पर विचार करने का निर्देश दिया।
बता दें कि प्रदेश में कोरोना के मामले 13 दिनों में 7 गुना बढ़ गए हैं। एक दिन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या भी 9 गुना अधिक बढ़ गई है। जबकि राज्य में कुल सक्रिय केसों की संख्या भी इस अवधि में करीब आठ गुना बढ़ी है।