भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कर्नाटक सरकार के खिलाफ 16 दिवसीय आंदोलन की शुरुआत की है, जिसमें ‘रावण राज्य’ को समाप्त करने की मांग की जा रही है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता राज्यभर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, आरोप लगाते हुए कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अक्षमता में लिप्त है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि वर्तमान सरकार ने जनता के विश्वास को तोड़ा है और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों से इस्तीफा देने की मांग की है। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने विकास कार्यों को नजरअंदाज किया है, जिससे जनता में असंतोष बढ़ रहा है।
आंदोलन के दौरान, बीजेपी कार्यकर्ता राज्य के विभिन्न हिस्सों में रैलियां, धरने और अन्य विरोध गतिविधियां आयोजित कर रहे हैं। पार्टी ने राज्यपाल से भी मुलाकात की और उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। राज्य सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि विपक्षी पार्टी राजनीतिक लाभ के लिए झूठे आरोप लगा रही है।
बीजेपी का यह आंदोलन राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, और आने वाले दिनों में राजनीतिक गतिविधियां तेज होने की संभावना है। जनता और राजनीतिक विशेषज्ञ इस आंदोलन के परिणामों पर नजर बनाए हुए हैं।