गुजरात के निकाय चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत हुई है। गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा ने सभी 31 जिला पंचायतों के साथ ही 231 तालुका पंचायतों में से 196 में और 81 नगरपालिकाओं में से 74 में स्पष्ट बहुमत हासिल कर निकाय चुनावों में बड़ी जीत हासिल की। राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केवल एक नगरपालिका और 18 तालुका पंचायतों में स्पष्ट बहुमत हासिल किया। वहीं एआईएमआईएम और आप ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
इससे पहले गुजरात में पिछले महीने हुए निकाय चुनावों के पहले चरण में, भाजपा ने सभी छह नगर निगमों में जीत हासिल की थी। दूसरे चरण के चुनावों के लिए मतगणना सुबह नौ बजे शुरू हुई और भाजपा ने 8,470 सीटों में से 6,236 सीटें जीतकर कांग्रेस को काफी पीछे छोड़ दिया। कांग्रेस केवल 1,805 सीटें जीत पाई जबकि आप और एआईएमआईएम ने क्रमश: 42 और 17 सीटें जीतीं। हालांकि, चार सीटों पर स्थिति स्पष्ट नहीं थी।
असदुदीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने अरावली जिले के मोडासा नगरपालिका में नौ सीटें जीती। इसके साथ ही उसने एक सीट भरूच में और सात सीटें पंचमहाल के गोधरा में जीती। आम आदमी पार्टी ने 31 सीटें तालुका पंचायत, दो सीटें जिला पंचायत में और नौ सीटें नगरपालिका में जीती।
ऐसे में जब भाजपा भारी जीत की ओर अग्रसर है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परिणामों से पता चलता है कि गुजरात पार्टी के विकास और सुशासन के एजेंडे के साथ मजबूती से कायम है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘पूरे गुजरात में नगरपालिका, तालुका पंचायत और जिला पंचायत चुनावों के परिणाम एक स्पष्ट संदेश देते हैं – गुजरात भाजपा के विकास और सुशासन के एजेंडे के साथ है।’ उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रति अटूट विश्वास और स्नेह के लिए मैं गुजरात के लोगों को नमन करता हूं।
राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा कि 8,474 सीटों में से 237 पर उम्मीदवार निर्विरोध रहे। नगर पालिकाओं चुनाव में मतदान प्रतिशत 59.05, जिला पंचायतों के लिए 66.67 प्रतिशत और तालुका पंचायतों के लिए 66.86 प्रतिशत रहा। तालुका पंचायतों में दो सीटों और नगरपालिकाओं में 24 सीटों के लिए उपचुनाव भी हुए।
भाजपा ने उन सभी छह नगर निगम में जीत दर्ज की थी जिसके लिए चुनाव पहले चरण में 21 फरवरी को हुए थे। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले रूपाणी के लिए स्थानीय निकाय चुनावों के परिणाम एक प्रोत्साहन के रूप में आये हैं। 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन के बाद उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए गए थे। प्रदेश भाजपा प्रमुख पाटिल ने कहा कि लोगों ने 2015 के स्थानीय निकाय चुनावों में भी पार्टी को इतनी सीटें नहीं दी थीं, लेकिन 2021 में लोगों ने अपने प्यार को ब्याज के साथ लौटा दिया है।