70 के दशक में दिल्ली का एक युवा अपने सपने और बुलंद इरादों के साथ पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट पहुंचता है. यहां से दो साल का डिप्लोमा करने के बाद फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मायानगरी (मुंबई) आ जाता है. फिर यहां से शुरू होता है फिल्मी पर्दे पर अपने आप को स्थापित करने के लिए ‘स्ट्रगल’ ‘आए थे. बॉलीवुड में एक्टर बनने के लिए लेकिन अपने स्वभाव और चेहरे की वजह से फिल्म निर्माता-निर्देशक होने पर विलेन के किरदार पर दांव लगाया’. फिर क्या था धीरे-धीरे बॉलीवुड में इनका खलनायक के तौर पर ‘सिक्का’ जम गया. निर्माता और निर्देशकों की उन्हें फिल्मों में खलनायक के रूप में लेने के लिए लाइन लगनी शुरू हो गई.
विलेन के रोल से जब मन भर गया तो इन्होंने कॉमेडी में भी किस्मत आजमाई, उसमें भी यह दर्शकों के बीच खूब ‘लोकप्रिय’ हुए. आज हम बात करेंगे हिंदी सिनेमा के हरफनमौला कलाकार शक्ति कपूर की. आज शक्ति का जन्म दिवस है आइए जानते हैं इनके फिल्मी सफर और निजी जिंदगी के बारे में। बता दें कि शक्ति कपूर ने खलनायक और कॉमेडी में दर्शकों में अपना खास मुकाम बनाया. अस्सी के दशक में खलनायकी के किरदार के निर्माता-निर्देशकों की पहली पसंद अमरीश पुरी या फिर शक्ति कपूर ही होते थे. शक्ति कपूर की पत्नी का नाम शिवांगी कपूर है, जो बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरी की बहन है, जिनसे उन्होंने 1982 में शादी की. शक्ति के सिद्धांत कपूर और श्रद्धा कपूर दो बच्चे हैं। श्रद्धा बॉलीवुड में फिल्म अभिनेत्री है.
शक्ति कपूर का जन्म 3 सितंबर 1952 को दिल्ली में हुआ था-
बता दें कि शक्ति कपूर का जन्म पंजाबी परिवार में 3 सितंबर 1952 को दिल्ली में हुआ था. उनके पिता दिल्ली के कनॉट प्लेस में एक दर्जी की दुकान चलाते थे. उनका असली नाम सुनील सिकंदरलाल था. शक्ति की घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं थी. उन्होंने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री को प्राप्त किया. पढ़ाई करने के बाद शक्ति ने पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट से डिप्लोमा किया. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1977 में फिल्म ‘खेल खिलाड़ी का’ से की थी. इस फिल्म में उनके साथ हेमा मालिनी और धर्मेंद्र मुख्य भूमिका में थे. वहीं इसके बाद शक्ति ने दो और फिल्में ‘कुर्बानी’ और ‘रॉकी’ में काम किया.
इन दोनों ही फिल्मों में शक्ति के अभिनय को काफी पसंद किया गया. इन दोनों ही फिल्मों में शक्ति ने विलेन का किरदार निभाया. सुनील दत्त ने शक्ति कपूर को फिल्म ‘रॉकी’ के लिए बतौर विलेन फाइनल किया था. लेकिन सुनील दत्त को उनका नाम सुनील सिकंदरलाल कपूर विलेन के रूप में सही नहीं लगा, इसके बाद सुनील दत्त ने ही उनका नाम बदलकर शक्ति कपूर कर दिया. उसके बाद उनकी फिल्म ‘हिम्मतवाला’ और सुभाष घई के निर्देशन में बनी ‘हीरो’ और ‘कर्मा’ में शक्ति कपूर ने खलनायक की भूमिका को किया था. उसके बाद शक्ति कपूर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
शक्ति कपूर-कादर खान की जोड़ी को फिल्मी पर्दे पर दर्शकों ने खूब सराहा–
90 का दशक आते-आते शक्ति कपूर ने निगेटिव के साथ कई फिल्मों में कॉमेडियन किरदार भी निभाए. जिसमें ‘राजा बाबू’ सबसे मशहूर रही है. इस फिल्म के लिए शक्ति कपूर को बेस्ट कॉमेडियन का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला. शक्ति ने सबसे ज्यादा दिवंगत अभिनेता कादर खान के साथ काम किया है. कादर खान और उनकी जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया था. इंसाफ, बाप नंबरी बेटा दस नंबरी, अंदाज अपना अपना, तोहफा, हम साथ साथ हैं, चालबाज, बोल राधा बोल, हंगामा, भागमभाग, मालामाल वीकली समेत आदि फिल्मों में शक्ति कपूर ने दर्शकों को खूब हंसाया.
वहीं तोहफा फिल्म में उनका ‘आऊ लोलिता’, फिल्म चालबाज में उनके द्वारा बोला गया डायलॉग ‘मैं एक नन्हा सा छोटा सा बच्चा हूं’, और राजा बाबू’ का संवाद ‘समझता नहीं है यार’ और ‘नंदू सबका बंदू’ ये सभी संवाद आज भी लोगों के जुबां पर है. शक्ति कपूर तीन सौ से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं. बता दें कि गुरुवार को फिल्म और टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला के निधन पर शक्ति कपूर ने अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की. शक्ति ने कहा कि ‘ये बहुत दुखदायी है, विश्वास नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि जिंदगी में पहली बार मैं किसी टीवी एक्टर का फैन बना, वो थे सिद्धार्थ शुक्ला थे.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार