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जन्मदिन विशेष: फिल्मी पर्दे पर अपनी एक्टिंग और देश में अपने ‘हेयर स्टाइल’ से मशहूर थीं अभिनेत्री साधना

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भारतीय सिनेमा की एक ऐसी खूबसूरत अदाकारा जिनकी एक्टिंग फिल्मी परदे पर्दे पर जितना सराहा गया उतना ही पूरे देश में उनकी ‘हेयर स्टाइल’ की नकल (कॉपी) करने के लिए लड़कियों में होड़ लगी रहती थी. आइए आज आपको बॉलीवुड लिए चलते हैं. चर्चा करेंगे 60 और 70 के दशक के भारतीय सिनेमा की एक ऐसी खूबसूरत अभिनेत्री की, जिन्होंने रील लाइफ के साथ रियल लाइफ में भी खूब लोकप्रिय हुईं. भले ही वह हमारे बीच नहीं हैं लेकिन आज भी सिनेमा प्रशंसक ‘साधना कट’ नहीं भूल पाए हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं अभिनेत्री साधना की.

आज उनका जन्मदिन है. इस मौके पर साधना के फिल्मी सफर के साथ उनके निजी जीवन के भी कुछ पन्ने पलटते हैं. चूड़ीदार-कुर्ता, शरारा-गरारा, कान में बड़े झुमके और लुभावनी मुस्कान यह सब साधना की विशिष्ट पहचान रही है. साधना ने जो शोहरत कमाई वह किसी से छिपी नहीं है, रोमांटिक और रहस्यमयी फिल्मों के अलावा कला फिल्मों में भी उन्हें सराहा गया. लड़कियों के बीच चूड़ीदार सलवार का फैशन मशहूर करने का ‘श्रेय’ साधना को ही जाता है. उनका हेयर स्टाइल आज भी मशहूर है. इस हेयरकट की कहानी भी मजेदार है.

‘दरअसल साधना ने अपने चौड़े माथे को छुपाने के लिए इस तरह का हेयर स्टाइल अपनाया कि उनके बाल माथे पर रहें, लेकिन ये स्टाइल इतना मशहूर हुआ कि 60 के दशक में तो हर लड़की साधना की तरह हेयर स्टाइल रखने की कोशिश करने लगी’. वहीं प्रशंसकों में अभिनेत्री की ‘दीवानगी’ इस कदर थी कि उनकी फिल्मों को देखने के लिए सिनेमा हॉल में प्रशंसकों की भारी भीड़ लग जाती थी.लेकिन साधना ने जितनी बॉलीवुड और फिल्मी पर्दे पर वाहवाही बटोरी उतना ही उनका निजी जीवन भी ‘कष्ट’ में रहा.

2 सितंबर 1941 को साधना का कराची में हुआ था जन्म-

प्रसिद्ध सिने अभिनेत्री साधना का जन्म 2 सितंबर 1941 को पाकिस्तान के कराची में हुआ था. इनका पूरा नाम साधना शिवदासानी था. साधना की मां लालीदेवी और पिता श्रीशेवाराम थे । इनकी एक बहन सरला भी थी, जो अब नहीं है. साधना के माता-पिता विभाजन के बाद वर्ष 1948 में भारत आ गए, तब साधना 6 वर्ष की थी. साधना खूबसूरती और टैलेंट का बेजोड़ संगम थीं, उन्हें बचपन से ही हीरोइन बनने का शौक था. 1958 में उन्होंने अपनी पहली सिंधी फिल्म ‘अबाणा’ की. उस समय उनकी आयु 16 वर्ष की थी. अभिनेत्री शीला रमानी इस फिल्म की नायिका थी और साधना ने उनकी छोटी बहन का किरदार निभाया था. उन्हें पहला ब्रेक 1955 में आई फिल्म ‘श्री 420’ से मिला था. फिल्म हिट रही और इसमें साधना के काम को भी नोटिस किया गया.

इसके बाद तो साधना ने पीछे मुड़कर नहीं देखा कई फिल्में सुपरहिट दी. 60 और 70 के दशक में हिंदी सिनेमा की टॉप हीरोइनों में शुमार रहीं साधना के पीछे तब तक हर कोई रहा जब तक उन्होंने फिल्मी परदे पर ‘राज’ किया. बतौर अभिनेत्री के रूप में साधना ने ‘लव इन शिमला’ से अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत की. आपको बता दें कि साधना की जो बेहद कामयाब फिल्में रही है उनमें, ‘मेरे मेहबूब’, ‘प्रेम पत्र’, ‘एक मुसाफिर एक हसीना’, ‘आरजू’, ‘वक्त’, ‘वो कौन थी’, ‘मेरा साया’, ‘आप आए बहार आई’, ‘राजकुमार’, ‘असली नकली’, ‘हम दोनों’, ‘वंदना’, ‘अमानत’, ‘उल्फत’, ‘बदतमीज’, ‘इश्क पर जोर नहीं’, ‘परख’, ‘प्रेमपत्र’, ‘गबन’, ‘एक फूल दो माली’, ‘गीता मेरा नाम’ प्रमुख हैं. साधना के प्रमुख नायकों में जॉय मुखर्जी, देव आनंद, सुनील दत्त, मनोज कुमार, शम्मी कपूर, राजेन्द्र कुमार, राज कपूर, फिरोज खान, शशि कपूर, किशोर कुमार, संजय खान आदि का नाम आता है.

वर्ष 1966 में साधना ने डायरेक्टर आरके नय्यर से की थी शादी-

अभिनेत्री साधना ने ‘लव इन शिमला’ के डायरेक्टर राम कृष्ण (आरके) नय्यर से 1966 में शादी की. दोनों की मुलाकात फिल्म के सेट पर ही हुई थी. उस समय साधना सिर्फ 16 साल और नय्यर 22 साल के । साधना के पैरेंट्स उनकी शादी के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन महान अभिनेता राजकपूर की मदद से दोनों की शादी हो पाई. फिर अचानक ही साधना को बीमारियों ने जकड़ लिया. साधना को ‘थॉयरॉइड’ की बीमारी हो गई जिसकी वजह से उन्हें एक्टिंग में भी तकलीफ होने लगी. इसके इलाज के लिए उन्होंने फिल्मों से कुछ ‘ब्रेक’ लिया. उसके बाद आरके नय्यर का निधन 1995 में हो गया. दोनों के कोई बच्चे नहीं थे.

अभिनेत्री साधना का आखिरी समय बहुत ही कठिनाइयों से भरा रहा-

कई वर्षों तक फिल्म इंडस्ट्रीज में अपनी खूबसूरती की वजह से लाखों दिलों पर ‘राज’ करने वाली साधना आखिरी समय बहुत ही कठिनाइयों से भरा रहा. पति की मौत के बाद पूरी तरह से अकेली रह गई थी. वर्ष 1995 में साधना ने अपनी इच्छा से बॉलीवुड से संन्यास ले लिया. धीरे-धीरे थायरॉइड की वजह से साधना की आंखों में भी परेशानी बढ़ गई और एक वक्त वो आया जब उन्होंने पब्लिक इवेंट्स, फंक्शन में जाना और फोटो तक ‘खिंचवाना’ बंद कर दिया. अपने अंतिम दिनों में भी साधना ‘गुमनामी’ जैसी जिंदगी में ही रहीं. आखिरी समय में उनका कोई अपना करीबी नहीं था और गिरती सेहत के चलते उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के लोगों से मदद भी मांगी, लेकिन कोई आगे नहीं आया. गले के कैंसर से जूझ रही खूबसूरत अभिनेत्री साधना का आखिरकार 74 वर्ष की आयु में 25 दिसंबर 2015 को दुनिया को अलविदा कह दिया.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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