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बिहार शरीफ में ₹40 लाख की लागत से बना घड़ी टावर उद्घाटन के अगले ही दिन हुआ खराब

बिहार शरीफ में ₹40 लाख की लागत से बना घड़ी टावर उद्घाटन के अगले ही दिन हुआ खराब

​बिहार शरीफ में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत लगभग ₹40 लाख की लागत से निर्मित एक घड़ी टावर उद्घाटन के कुछ ही दिनों बाद काम करना बंद कर दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस टावर का निर्माण मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान तेजी से पूरा किया गया था। हालांकि, उद्घाटन के तुरंत बाद ही चोरों ने इसमें से तांबे की तारें चुरा लीं, जिससे यह निष्क्रिय हो गया। ​

इस घटना के बाद, सोशल मीडिया पर इस घड़ी टावर की गुणवत्ता और निर्माण लागत को लेकर व्यापक आलोचना हुई। लोगों ने इसे “खराब पेंटिंग” और “अधूरे निर्माण” का उदाहरण बताया, और ₹40 लाख की लागत पर सवाल उठाए। कुछ उपयोगकर्ताओं ने इसकी तुलना अन्य शहरों के घड़ी टावरों से की, जिससे इसकी बनावट और कार्यक्षमता पर और भी प्रश्न उठे।

बिहार शरीफ के नगर आयुक्त दीपक कुमार मिश्रा ने इन आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह परियोजना अभी पूर्ण नहीं हुई है और घड़ी टावर का डिज़ाइन भी अंतिम रूप में नहीं है। मिश्रा के अनुसार, प्रगति यात्रा के दौरान इसे अस्थायी रूप से चालू किया गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद अज्ञात व्यक्तियों ने इसकी केबल चुरा ली, जिससे यह काम करना बंद कर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि इस टावर की लागत ₹20 लाख है, न कि ₹40 लाख जैसा कि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है। ​

नगर आयुक्त ने यह भी कहा कि यह घड़ी टावर नाला रोड परियोजना का हिस्सा है, जो मछली मंडी से मुगल कुआं तक जुड़ेगी। परियोजना में देरी के बावजूद, प्रशासन इसे मई के अंत तक पूरा करने का प्रयास कर रहा है।

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