उत्‍तराखंड

हरिद्वार में हुई बड़ी बैठक, अब धर्मांतरण के खिलाफ देशभर में अभियान चलाएंगे संत

Advertisement

विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदशक मंडल की बैठक में समलैंगिक विवाह और धर्मांतरण का मुद्दा चर्चा के केंद्र में रहा। बता दे कि संतों और पदाधिकारियों ने साफ कहा कि समलैंगिक विवाह किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।

इसी के साथ यह भी कहा कि अगर कानून को मान्यता मिलती है, तो संसद को निर्णय को पलटने के लिए तैयार रहना चाहिए।
हालांकि देशभर से आए संतों ने धर्मांतरण और घर वापसी को लेकर दिवाली के 15 दिन पहले धर्मजागरण अभियान चलाने पर एक स्वर में सहमति दी।

बृहस्पतिवार को कनखल स्थित निष्काम सेवा आश्रम में विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदशक मंडल की बैठक के पहले दिन समलैंगिक विवाह, धर्मांतरण, जनसांख्यिकी बदलाव, लैंड व लव जिहाद पर चर्चा की।

आपको बता दे कि बैठक में संतों ने देशभर में बढ़ते धर्मांतरण मामलों को चिंताजनक बताया। संतों ने कहा कि धर्मांतरण को रोकने के लिए सरकारों को प्रभावी कानून बनाने चाहिए।

निर्णय लिया गया कि दिवाली से 15 दिन पहले देशभर धर्मांतरण और घर वापसी को लेकर अभियान चलाया जाएगा। अभियान में सभी प्रमुख संत प्रतिभाग करेंगे।

हालांकि संतों ने समलैंगिक विवाह को लेकर कहा कि यह विवाह संस्था के खिलाफ है। कहा कि सनातन संस्कृति में इस तरह की विकृत मानसिकता से उपजी व्यवस्था के लिए कोई स्थान नहीं है।

संतों ने कहा कि सनातन संस्कृति को ध्यान में रखते हुए न्यायालय को सैमलैंगिक कानून से जुड़े विषय पर निर्णय देना चाहिए।
इसी के साथ संतों ने वेब सीरीज और सोशल मीडिया पर परोसी जा रही अश्लीलता पर रोष जताया। हिंदू धर्म को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रांतियों का तार्किक ढंग से विरोध करने पर जोर दिया। बैठक में 350 संतों और 70 साध्वी धर्माचार्याें ने प्रतिभाग किया।

Exit mobile version