पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में कक्षा 9वीं की छात्रा की सामूहिक दुष्कर्म के बाद मौत की घटना पर सीएम ममता बनर्जी के बयान से राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) खफा है. ममता बनर्जी ने दोषियों को सख्त सजा के निर्देश देने की बजाए पीड़िता व पूरे मामले को लेकर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.
एनसीडब्ल्यू की प्रमुख रेखा शर्मा ने ममता बनर्जी के बयान को लेकर कहा कि ‘सीएम को महिला होने के नाते दूसरी महिला के दर्द को समझना चाहिए.’ आपको बता दें कि ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा था कि नादिया जिले के हंसखाली में कक्षा नवीं की छात्रा की किसी के द्वारा थप्पड़ मारने के कारण गिरने से मौत हो गई. इसके साथ ही उन्होंने लड़की के साथ किसी लड़के के प्रेम संबंध की भी आशंका जताई थी.
सीएम ने एक कार्यक्रम में यह भी कहा था कि ‘पुलिस को अभी मौत के कारणों का पता लगाना है. मैंने उन्हें जांच का निर्देश दिया है. इसके बाद उन्होंने सवाल किया कि क्या इसे आप दुष्कर्म कहेंगे या वह गर्भवती थी? क्या यह असफल प्रेम संबंध का नतीजा नहीं है? पीड़िता की मौत के पांच दिन बाद परिवार द्वारा शिकायत दर्ज कराने पर सवाल उठाते हुए सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था. मैं एक आम आदमी की तरह पूछती हूं कि अब पुलिस सबूत कैसे जुटाएगी कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ या वह गर्भवती थी या किसी अन्य कारण से मौत हुई, जैसे कि उसे किसी ने थप्पड़ मारा और वह बीमार पड़ गई हो?
परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार कक्षा नवीं की छात्रा की 5 अप्रैल को आरोपी के घर जन्मदिन की पार्टी के बाद कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म हुआ था. परिजनों ने इसकी शिकायत 10 अप्रैल को कराई थी. उन्होंने कहा था कि जब पीड़िता घर पहुंची तो तेजी से रक्त बह रहा था और 5 अप्रैल की रात को ही उसकी मौत हो गई थी.
ऐसें में भाजपा का बयान भी सामने आ रहा है. भाजपा नेता व बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि सीएम ने पीड़िता पर ही सवाल खड़े कर दिए, यह चौंकाने वाला है. चूंकि आरोपी ममता बनर्जी की पार्टी के नेता का बेटा है, इसलिए वह ऐसी बातें कह रही हैं.