चीन ने भारत के साथ बढ़ते व्यापार घाटे को कम करने के लिए कदम उठाने का संकेत दिया है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि द्विपक्षीय व्यापार बढ़ा है, लेकिन व्यापार घाटा भी बढ़ गया है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने चीन से भारत से आयात बढ़ाने के लिए कदम उठाने की अपील की थी।
इसके जवाब में, चीन ने भारत की चिंताओं को समझते हुए व्यापार घाटे को कम करने के लिए सहयोग करने का वादा किया है। चीन ने भारतीय दवाओं और आईटी उत्पादों के लिए अपने बाजारों में अधिक पहुंच प्रदान करने की बात कही है।
इसके अलावा, नीति आयोग ने चीन के साथ व्यापार घाटे को कम करने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करने के लिए अध्ययन शुरू किया है। इस अध्ययन में भारत-चीन व्यापार की आपूर्ति श्रृंखलाओं का विश्लेषण और अन्य एशियाई देशों के साथ तुलना की जाएगी।
इन प्रयासों के बावजूद, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 83.1 अरब डॉलर था, जो चिंता का विषय बना हुआ है। भारत सरकार चीन से आयातित उत्पादों पर निर्भरता कम करने के लिए तकनीकी नियमों और गुणवत्ता मानदंडों को तैयार करने की योजना बना रही है, ताकि घरेलू उद्योगों की रक्षा की जा सके।