भाजपा नेता के पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई टिप्पणी के बाद कई अरब देशों में भारत के प्रति नाराजगी और विरोध का सिलसिला जारी है. कतर, कुवैत और ईरान ने भारतीय राजदूतों को तलब कर विरोध जताया है. कतर-कुवैत ने भारत सरकार से इस बयान पर माफी की मांग की है. वहीं, सऊदी अरब ने भी इस बयान पर ऐतराज जताया. इसके अलावा सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अन्य अरब देशों ने अपने सुपर स्टोर्स में इंडियन प्रोडक्ट्स को बैन कर दिया है. कुवैत सरकार ने कहा है कि भारत में सत्ता में मौजूद पार्टी के नेताओं ने मुस्लिमों की भावनाओं को आहत किया है. इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. यूएई जॉर्डन और इंडोनेशिया ने भी नुपुर शर्मा और नवीन कुमार के बयानों पर आपत्ति जताई है. इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने भारत की आलोचना करते हुए यूएएन से मुसलमानों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की.
इधर, भारत ने ओआईसी के बयान को ‘संकीर्ण’ बताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, कुछ लोगों की अमर्यादित टिप्पणी भारत सरकार के विचारों को प्रदर्शित नहीं करती है. बता दें कि भारत और खाड़ी देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से रिश्ते काफी मजबूत रहे हैं. भारत अपनी जरूरत के ऑयल का एक बहुत बड़ा हिस्सा इन्हीं देशों से इम्पोर्ट करता है. इसके साथ देश में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा ने भी नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी पर विरोध जताया. मुस्लिमों देशों के विरोध जताने एवं मामले को तूल पकड़ने के बाद भाजपा ने नुपूर को पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया था. वहीं दिल्ली भाजपा मीडिया प्रभारी नवीन कुमार जिंदल को भी पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. फिलहाल भाजपा सरकार अरब देशों में विरोध और नाराजगी को बहुत ही कूटनीति तरीके से साधने में लगी हुई है.