शनिवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (CMM) ने ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. बता दें कि दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी द्वारा गलत सूचना प्रसारित कर देने से कोर्ट का फैसला आने से पहले ही ये जानकारी लीक हो गई थी. बाद में दिल्ली पुलिस अधिकारी ने अपनी गलती मानी थी.
दिल्ली पुलिस के विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि मोहम्मद जुबैर की जमानत याचिका रद्द कर दी गई है और न्यायिक रिमांड के लिए हमारा आवेदन स्वीकार कर लिया गया है. आईपीसी और 35 एफसीआर अधिनियम की तीन नई धाराएं 201 और 120 लागू की गई हैं.
दिल्ली पुलिस ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और हिंसा भड़काने के आरोप में मोहम्मद जुबैर की न्यायिक हिरासत मांगी थी. दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद जुबैर द्वारा साजिश और सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आरोपी को विदेशों से चंदा मिला था. एफआईआर में दिल्ली पुलिस ने तीन नई धाराएं–201 (सबूत नष्ट करने के लिए–प्रारूपित फोन और हटाए गए ट्वीट), 120- (बी) (आपराधिक साजिश के लिए) और एफसीआरए के 35 मामले जोड़े हैं.
इससे पहले मोहम्मद जुबैर द्वारा 2018 में कथित तौर पर किये गए एक आपत्तिजनक ट्वीट मामले की जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर पहुंची थी. जुबैर को ट्वीट के जरिये हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था.
ऑल्ट न्यूज के को- फाउंडर मोहम्मद जुबैर के वकील ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने कोर्ट आदेश आने से पहले ही ऑर्डर को मीडिया में लीक कर दिया. इस लीक खबर में कहा गया था कि कोर्ट ने पत्रकार की जमानत याचिका खारिज कर दी और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. हालांकि कोर्ट ने फैसला अभी सुरक्षित रख लिया है. मोहम्मद जुबैर के वकील सौतिक बनर्जी ने बताया कि लंच तक बहस हुई और जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया. जज लंच के बाद अभी तक नहीं आए हैं.