शार्दुल ठाकुर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन टेस्ट में भारत की ओर से पहली पारी में सबसे ज्यादा 67 रनों का योगदान दिया। टीम इंडिया का स्कोर एक समय 6 विकेट पर 186 रन था, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, मयंक अग्रवाल और ऋषभ पंत आउट हो चुके थे,
ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया को बड़ी बढ़त मिल जाएगी। इसके बाद शार्दुल और वॉशिंगटन सुंदर ने मिलकर शतकीय साझेदारी निभाई।
इन दोनों के बीच सातवें विकेट के लिए 123 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी हुई। आर अश्विन की जगह सुंदर को और जसप्रीत बुमराह की जगह शार्दुल को इस मैच में खेलने का मौका मिला है। अश्विन और बुमराह दोनों ही चोटिल हैं।
शार्दुल ने इस यादगार पारी के बाद बताया कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी उन्हें बातों में उलझाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
शार्दुल ने कहा, ‘ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मुझसे बात करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मैं उनकी बातों का जवाब नहीं दे रहा था। मैंने बस एक या दो बार जवाब दिया होगा।
उनके कई सारे सवाल थे, जब वे मुझे स्लेज करने की कोशिश कर रहे थे, तब भी, मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया और बस खेलता गया।’ ठाकुर ने कहा कि उन्हें हमेशा से अपनी बल्लेबाजी पर विश्वास रहा है।
उन्होंने कहा, ‘मेरे अंदर बल्लेबाजी का टैलेंट है, जब भी नेट्स पर थ्रोडाउन होता था, मैं बैटिंग की प्रैक्टिस करता था। इस तरह के मौकों के लिए ही हम बल्लेबाजी की प्रैक्टिस करते हैं। मुझे पता था कि अगर मैं क्रीज पर कुछ देर रुकूंगा, तो इससे टीम को फायदा मिलेगा।’