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आम बजट 2023-24 पेश होते ही राजनीतिक हलचल किसी ने की तारीफ तो कोई दिखा नाराज

बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट पेश कर दिया है। इस बार के बजट में महिलाओं,युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों का खासा ख्याल रखने की कोशिश की गई है। इस बार सबसे खास बात यह रही कि टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया गया है।



जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है, सबको कुछ न कुछ दिया गया है। डेढ़ घंटे तक हमने बजट सुना अब हम इसपर बात करेंगे जब मौका आएगा। 



तो वही नेता कांग्रेस सांसद शशि थरूर  ने कहा कि बजट में कुछ चीजें अच्छी थी मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं। बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था। सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई। 


बजट पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इस बजट से महिला का सम्मान बढ़ा, बच्चों और किशोरों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा से ज़िला स्तर पर बच्चे कैसे पढ़ेंगे और बढ़ेंगे इसका उल्लेख किया गया है। नारी शक्ति एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कैसे कर सकती है इसका प्रतिबिंब आज के बजट में दिखता है।

तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 2023-24 का केंद्रीय बजट किसानों, महिलाओं, हाशिए पर पड़े वर्गों और मध्यम वर्ग को सहायता प्रदान करने की प्राथमिकता के साथ विकास और कल्याण पर केंद्रित है। सिंह ने कहा कि बजट प्रस्ताव देश को कुछ वर्षों के भीतर 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और विश्व स्तर पर शीर्ष तीन अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में ले जाएगा।


पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह बजट वही है जो पिछले 8-9 साल से आ रहा था। टैक्स बढ़ाए गए, कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी पर पैसा खर्च नहीं किया जा रहा है। कुछ सांठगांठ वाले पूंजीपतियों और बड़े कारोबारियों के लिए टैक्स वसूला जा रहा है। जनता को टैक्स से फायदा होना चाहिए लेकिन इससे उसकी कमर टूट रही है।

RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि मैंने वित्त मंत्री को कई बार कहा है कि जब भी बजट बनाए तो अनुच्छेद 39 को देख लें। संविधान से आंखें मूंद कर स्तुति गान वाला बजट बनाते हैं तो कुछ हासिल नहीं होगा। रोजगार के लिए आपने गोल-गोल बातें की। ये बजट खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया बजट है।


सपा नेता और सांसद डिंपल यादव ने कहा कि ये चुनावी बजट है, किसानों के लिए कुछ नहीं है। किसानों की एमएसपी की बात नहीं की है। रेलवे को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया गया है। आधी से ज्यादा आबादी गांव में बसती है लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया है। ये बहुत ही निराशाजनक बजट है।


भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि आम आदमी के लिए ये बजट बहुत अच्छा है, ये एक ऐतिहासिक कदम है। मध्यम वर्ग को इस बजट से बहुत राहत मिलेगी। 


हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अमृतकाल का पहला बजट बहुत क्रांतिकारी है, ये समाज के हर वर्ग को राहत देने वाला है। विशेषकर मध्यम वर्ग को आयकर में राहत दी गई है, जो टैक्स स्लैब बनाया गया है वो राहत देने वाला है। युवा, महिला, वरिष्ठ नागरिक सभी को इस बजट में राहत दी गई है।

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