उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर के टूटने के बाद विभिन्न एजेंसियों ने मोर्चा संभाल लिया है। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ की टीमें लोगों की मदद करने के लिए भेजी जा रही हैं। भारतीय सेना ने छह कॉलम (तकरीबन 600 जवान) को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में भेजा है।
वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि दो Mi-17 समेत तीन चॉपर और एक ALH ध्रुव चॉप देहरादून में है, ताकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचाई जा सके। जरूरत लगने पर और अधिक चॉपर की सेवा ली जाएगी।
इसके अलावा, सेना ने एनडीआरएफ और उत्तराखंड सरकार की मदद के लिए अपने चॉपर व अन्य जवानों को भी तैनात कर दिया है। सेना ने बताया कि ऋषिकेश के निकट सैन्य स्टेशन सक्रिय रूप से स्थानीय प्रशासन के साथ बचाव और राहत कार्यों में भी शामिल हो गया है। सेना के मुख्यालय से लगातार हालात पर नजर रखी जा रही है।
उधर, आईटीबीपी के जवानों ने तपोवन और रेनी के इलाकों का भी दौरा किया, जहां पर पानी का स्तर काफी तेजी से बढ़ा था। जवानों ने वहां हुए नुकसान का आकलन भी किया। आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने बताया, ”हमारे 200 जवान लगातार लोगों की स्थानीय प्रशासन के जरिए से मदद कर रहे हैं।
हमारी टीम मौके पर है और स्थिति का जायजा कर रही है। इसके अलावा, जोशीमठ के आस-पास भी एक टीम को लोगों को जागरूक करने के लिए भेजा गया है। हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं।”