एक विषय में पीजी करने के बाद दूसरे विषय से भी पीजी पर रोक का नियम केवल श्रीदेव सुमन विवि ही नहीं बल्कि कुमाऊं विवि में भी लागू कर दिया गया है। हालांकि, अमर उजाला में खबर प्रकाशित होने के बाद शासन ने इसका संज्ञान लिया है। मामले में जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी।
एक बार एमए करने के बाद दोबारा उसी विवि से एमए करने पर रोक का मामला छात्रों के साथ ही शिक्षा विशेषज्ञों के बीच भी चर्चा का विषय है। अमर उजाला ने 10 अगस्त के अंक में श्रीदेव सुमन विवि में एक पीजी के बाद दूसरा पीजी करने पर रोक संबंधी खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद कुमाऊं विवि के पीजी प्रवेश नियम सामने आए, जिनमें दूसरी पीजी पर रोक लगाई गई है।
दोनों विवि में एक विषय से पीजी करने के बाद दूसरे से पीजी नहीं कर सकते। अपर सचिव प्रशांत आर्य ने बताया कि मामले में जल्द ही दोनों विश्वविद्यालयों की बैठक की जाएगी जिसमें इस नियम को लेकर स्थिति स्पष्ट की जाएगी। श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति डॉ. एनके जोशी और कुलसचिव केआर भट्ट का कहना है कि यह नियम नया नहीं बल्कि पुराना है।
दून विश्वविद्यालय में दूसरी बार पीजी कोर्स करने पर कोई रोक नहीं है। जब विवि के अधिकारियों से इस संबंध में बातचीत की गई तो जानकारी मिली कि हर विवि की अकादमिक परिषद इस तरह के निर्णय लेती है। दून विवि की परिषद ने अभी तक इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया है। यहां छात्र दो पीजी कोर्स कर सकते हैं।