प्रदेश की 7791 ग्राम पंचायतों को प्लास्टिक मुक्त किया जाएगा। धामी सरकार ने कार्ययोजना तैयार कर ली है, जिसे धरातल पर उतारने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है। इसके तहत त्रिस्तरीय पंचायतों की मदद से हर घर से प्लास्टिक कूड़ा उठाने से लेकर उसके निपटारे तक की कार्रवाई की जाएगी। इस काम के लिए केंद्र सरकार की ओर से 15वें वित्त आयोग की टाइड निधि में धन की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश में उत्तराखंड प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एक्ट 2013 लागू है। गांव-गांव में प्लास्टिक पहुंच चुका है, लेकिन एक्ट में दी गई व्यवस्थाओं के तहत गांवों में इसका निस्तारण नहीं हो पा रहा था। फिहहाल, तैयार कार्ययोजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर घर-घर से प्लास्टिक कचरे का एकत्रीकरण कर उसे रोड हेड तक पहुंचाया जाएगा।
इसके बाद क्षेत्र पंचायत (ब्लॉक) स्तर पर कूड़ा गाड़ियों के माध्यम से इस कचरे को कांपैक्टर तक पहुंचाया जाएगा। अगला काम जिला पंचायतों का होगा, जो कांपैक्ट किए गए कूड़े को निस्तारण के लिए प्लास्टिक वेस्ट प्लांट तक पहुंचाएंगी। यह पूरी शृंख्ला एक क्लस्टर के तहत काम करेगी।