समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नए संसद के उद्घाटन पर तीखी टिप्पणी की है। बता दे कि सेंगोल पर अखिलेश यादव के बयान से नई सियासी बहस शुरू हो गई है।
हालांकि पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण (एक-हाथ से दूसरे हाथ में जाने) का प्रतीक है। लगता है भाजपा ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है।
इस के साथ अखिलेश यादव ने सेंगोल का साल 2024 के लोकसभा चुनाव से खास कनेक्शन भी बताया। अखिलेश यादव ने दावा किया कि अगले साल लोकसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन होगा।
इससे पहले, सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने सेंगोल को राजतंत्र का प्रतीक बताया। कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश हैं, ऐसे में सेंगोल का देश की संसद में क्या काम होगा।
आपको बता दे कि उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि सेंगोल राजदंड, राजतंत्र का प्रतीक था। आज देश में लोकतंत्र है, लोकतंत्र में राजतंत्र के प्रतीक सेंगोल का क्या काम? सेंगोल के प्रति भाजपा सरकार की दीवानगी इस बात का प्रमाण है कि इसको लोकतंत्र में विश्वास नहीं है इसलिए भाजपा लोकतंत्र से हटकर राजतंत्र के रास्ते पर जा रही है जो लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है।