उत्तराखंड में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश (एम्स) में पहली बार डॉक्टरों ने एक ऐसा चमत्कार कर दिखाया है जिसनें 27 वर्षीय युवक की जान बचायी है।
आपको बता दे कि यहां 27 वर्षीय युवक की किडनी प्रत्यारोपित कर उसे नया जीवन दिया गया है। हालांकि युवक को उसके पिता की किडनी लगाई गई है। इसी के साथ एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है जहां किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू हुई है।
बताया जा रहा है कि संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि नैनीताल का रहने वाला यह युवक किडनी फेलियर की समस्या से ग्रसित था। किडनी प्रत्यारोपण ही अंतिम विकल्प था।
हालांकि यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था जिसे संस्थान की यूरोलाॅजी, नेफ्रोलाॅजी और ऐनेस्थेसिया विभाग की संयुक्त टीम ने सफलतापूर्वक पूरा किया। इस प्रक्रिया में एम्स दिल्ली के चिकित्सकों का भी सहयोग रहा। जल्द ही हार्ट ट्रांसप्लांट और लीवर ट्रांसप्लांट की सुविधा भी जल्द ही एम्स ऋषिकेश में शुरू होगी।