दिल्ली की अदालतों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की नई तकनीक का स्वागत किया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट में ‘स्पीच टू टेक्स्ट फैसिलिटी’ के साथ एक एआई पायलट हाइब्रिड कोर्ट रूम का उद्घाटन किया गया है। यह नवाचार जजों के काम को सरल और अधिक कुशल बनाएगा।
जज द्वारा दिए गए निर्णय को एआई तुरंत रिकॉर्ड और टाइप करेगा, जिससे समय की बचत होगी। इसके अलावा, कोर्ट कर्मचारियों, विशेषकर टाइपिस्टों की कार्य क्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति मनमोहन ने शुक्रवार को तीस हजारी कोर्ट में पहले एआई-सुसज्जित पायलट हाइब्रिड कोर्ट रूम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर, उन्होंने एक डिजिटल कोर्ट ऐप भी लॉन्च किया। न्यायमूर्ति मनमोहन ने अपने संबोधन में कहा कि न्यायिक प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाने और न्याय प्रदान करने में होने वाली देरी को कम करने के लिए तकनीक का उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस पायलट हाइब्रिड कोर्ट में साक्ष्य रिकॉर्डिंग के लिए स्पीच-टू-टेक्स्ट सुविधा उपलब्ध है, जिससे गवाही को तुरंत लिखित रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, डिजिटल कोर्ट एप्लिकेशन के माध्यम से न्यायिक अधिकारी सभी ई-फाइल किए गए मामलों तक सरलता से पहुंच सकते हैं, जिससे न्यायिक कार्यों में तेजी और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।