यहां हम आपको बता दें कि हरिद्वार महाकुंभ में मुख्य शाही स्नान तो समाप्त हो चुके हैं । अब एक या दो ही ऐसे स्नान बचे हैं जो सिर्फ रस्म अदायगी किए जाने हैं। कोरोना की बढ़ती दहशत के आगे अब कई अखाड़ों के प्रमुख भी कुंभ का आयोजन 30 अप्रैल तक चले, इच्छुक नहीं नजर आ रहे हैं ।
इसके साथ ही कुंभ मेले में ड्यूटी पर आए कई पुलिसकर्मी और अधिकारी भी पॉजिटिव निकलने के बाद प्रशासन भी सहमा हुआ है । दूसरी ओर कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच कुंभ मेला जारी रखने पर उत्तराखंड सरकार पर सवाल भी उठ रहे हैं। देश में शुक्रवार को पिछले 24 घंटे के अंदर रिकॉर्ड 2 लाख 16 हजार लोग संक्रमित पाए गए हैं।
पिछले साल संक्रमण की शुरुआत से लेकर अब तक एक दिन में मिले संक्रमितों का ये आंकड़ा सबसे बड़ा है। उधर कुंभ में लाखों लोगों की भीड़ जुटी हुई है। बुधवार के शाही स्नान में 14 लाख लोग शामिल हुए थे। हालांकि पिछले दिनों उत्तराखंड सरकार पर कुंभ के आयोजन को लेकर सख्ती करने के निर्देश दिए थे ।
लेकिन कुंभ मेले में ड्यूटी में तैनात पुलिस और प्रशासन अधिकारियों को लाखों की भीड़ के आगे गाइडलाइन पालन करवाने में नाकाम साबित हुए । ‘प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सिंह ने भी कहा था कि साधु-संतों की लाखों की भीड़ को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करवाना आसान नहीं होगा’ ।
लेकिन अब प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों ने उत्तराखंड सरकार की चिंता बढ़ा दी है। जिसके बाद कोरोना महामारी से निपटने के लिए एक बार फिर से सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है। शासन ने पूरे राज्य में नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया है।
रात 10.30 बजे से सुबह पांच बजे तक लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही सभी शिक्षण संस्थान और कोचिंग सेंटरों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है । केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन और साधु संतों के साथ विभिन्न अखाड़ों के महामंडलेश्वरों से बातचीत के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत संभव है कुंभ को समय से पहले समाप्त करने का एलान कर सकते हैं।