बिहार में कोरोना संकट के बीच कोविड-19 गाइडलाइंस के साथ नौ माह बाद आज से राज्यभर के निजी शिक्षण संस्थान, कोचिंग समेत 9वीं से 12वीं के सरकारी स्कूल, कॉलेज सोमवार यानी आज से खुल जाएंगे। कोविड-19 से छात्रों के बचाव को लेकर तमाम एहतियातों संग पठन-पाठन चलेगा। हर कक्षा में आधी क्षमता में ही विद्यार्थी मौजूद रहेंगे।
14 मार्च 2020 से ही सभी शिक्षण संस्थान बंद
राज्य के करीब 8000 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 36 लाख 61 हजार 942 बच्चों को दो-दो मास्क के हिसाब से करीब सवा 73 लाख मास्क जीविका के माध्यम से दिए जाएंगे। इन स्कूलों में एक दिन में 18 लाख 30 हजार 971 बच्चे ही आएंगे। गौर हो कि कोरोना संकट को देखते हुए 14 मार्च 2020 से ही सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं। करीब साढ़े नौ महीने बाद अर्थात 296 दिनों की बंदी के बाद सोमवार को जब ये संस्थान खुलेंगे तो इनमें रौनक लौटेगी। साथ ही बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं से मुक्ति मिलेगी।
राज्य आपदा समूह की बैठक में फैसला
मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में 18 दिसम्बर को राज्य आपदा समूह की बैठक में 4 जनवरी 2021 से स्कूलों-कालेजों-कोचिंग संस्थानों को खोले जाने को लेकर निर्णय लिया गया था। 24 दिसम्बर को शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक संस्थानों के सुरक्षित संचालन को लेकर विस्तृत गाइडलाइन जारी किया। उसके बाद सभी जिलों में डीईओ और डीएम ने स्कूल, कालेज, विवि तथा कोचिंग संस्थान के प्रबंधकों संग बैठक कर गाइडलाइन के पालन को लेकर उन्हें जागरूक किया।
बच्चों के छह फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था
गाइडलाइन जारी होने के बाद सभी शैक्षिक संस्थानों के परिसर और वर्गकक्ष को सेनेटाइज करने का जिम्मा स्थानीय स्तर पर शिक्षण संस्थाओं के प्रधान को दिया गया था। स्कूल बंदी में ही बच्चों के छह फीट की दूरी पर बैठने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करनी थी। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने रविवार को ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि 4 जनवरी से स्कूल-कालेज खोलने की मुकम्मल व्यवस्था कर ली गयी है। सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय खुद इसकी मॉनिटरिंग करेगा। शुरुआती दिनों में अनुरक्षण की व्यवस्था जरूरी है। इसी अनुभव के आधार पर आगे पहली से 8वीं तक के स्कूलों के खोले जाने पर निर्णय लिया जाएगा।
कक्षा व बच्चों को लाने व पहुंचाने वाले वाहन रोजाना दो बार होंगे सेनेटाइज
दो विद्यार्थियों के बैठने की व्यवस्था में रखनी होगी छह फीट की दूरी
छात्र और शिक्षकों के स्वास्थ्य की नियमित जांच होगी