भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुई इंडस वाटर्स संधि को स्थगित करने का ऐलान किया है, जिसे पाकिस्तान ने “युद्ध का कृत्य” करार दिया है। इस फैसले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। भारतीय सरकार ने यह कदम पाकिस्तान की ओर से बार-बार जल संसाधनों का शोषण और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोपों के बाद उठाया है।
भारत ने कहा कि यह कदम पाकिस्तान द्वारा संधि का उल्लंघन करने और कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के बाद उठाया गया है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने इस फैसले को अपनी संप्रभुता और अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा बताया है और इसे युद्ध जैसा कदम करार दिया है। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत के इस कदम के खिलाफ हस्तक्षेप करने की अपील की है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय दोनों देशों के बीच जल विवाद को और जटिल बना सकता है, क्योंकि दोनों देशों के लिए नदी जल एक महत्वपूर्ण संसाधन है। इस फैसले से भविष्य में भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर गहरा असर पड़ सकता है।