पति ने तलाक देकर जब साथ छोड़ दिया तो विवाहिता ऑटो चलाकर अपने व तीन बच्चों के जीवन के पहिये को खींचने लगी। इंटरनेट पर ऑटो चलाते हुए शबनम का वीडियो प्रसारित हुआ तो भारी संख्या में दर्शक मिलने के साथ ही हर कोई उसकी जीवटता पर गर्व अनुभव कर रहा है।
क्षेत्र के ढकिया गुलाबों अंतर्गत फसीयापुरा गांव की रहने वाली शबनम की शादी 2011 में जसपुर में हुई थी। शुरुआत में सब कुछ ठीक चला। दो बेटियों व बेटे के साथ वह ससुराल में खुशी-खुशी जीवन जी रही थी। बाद में न जाने किसकी नजर लगी, पति शबनम की उपेक्षा करने लगा और 2017 तक रिश्ते तलाक तक पहुंच गए। पति ने बच्चों की जिम्मेदारी से भी मुह मोड़ लिया तो उन्हें लेकर वह अपने गांव पहुंच गई।
घर पर बैठने की बजाय शबनम ने घरों में काम करने के साथ ही सिलाई सीखकर इसे अपनी आजीविका का साधन बनाया। बेबसी के बजाय बच्चों को स्वाभिमानी बनाने के लिए उन्हें गांव के सरकारी स्कूल में प्रवेश दिलाया।
साथ ही मझधार में छोड़ने वाले पति से कानूनी लड़ाई लड़ी और कोर्ट के जरिये अपने कानूनी अधिकार प्राप्त किए। कोर्ट के जरिये मिले पैसे और अपनी कमाई से ऑटो रिक्शा खरीद वह अब आत्मनिर्भरता की राह पर गतिमान है।