देश में कोरोना वायरस ने खुद को भयानक तौर पर बदल लिया है. यानी वह म्यूटेट कर गया है. इस म्यूटेशन की वजह से अब उस पर तीन तरह की एंटीबॉडीज का कोई असर नहीं है. इसे खोजा है मुंबई के एक डॉक्टर और उनकी टीम ने. कोरोना ने जो म्यूटेशन किया है उसका सीधा संबंध दक्षिण अफ्रीकी स्ट्रेन से है.
यानी ये कोरोना के खिलाफ आपके शरीर में बन रही एंटीबॉडीज का असर इस नए कोरोना वायरस पर कम होगा.
मुंबई के खारघर स्थित टाटा मेमोरियल सेंटर में रिसर्चर्स को मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (मुंबई शहर से बाहर) के तीन कोरोना मरीज मिले, जिनमें दक्षिण अफ्रीका के कोरोना म्यूटेशन की तरह ही म्यूटेशन हुआ है.
यहां तक मुबंई में हुए म्यूटेशन की वंशावली यानी जीनोम का स्ट्रक्चर दक्षिण अफ्रीका वाले म्यूटेशन में मिलता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के अनुसार टाटा मेमोरियल सेंटर में हीमैटोपैथोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. निखिल पाटकर ने बताया कि मुंबई में जो म्यूटेशन मिला है. उसका नाम E484K म्यूटेशन है. यह दक्षिण अफ्रीका में मिलने वाले कोरोना स्ट्रेंस K417N, E484K और N501Y में से एक है.