जम्मू-कश्मीर में मौजूद आतंकियों पर सुरक्षा बलों का शिकंजा कसता जा रहा है। लगातार हो रहे ‘एनकाउंटर’ में विदेशी (पाकिस्तानी) और लोकल आतंकी ढेर हो रहे हैं। पिछले साल 187 आतंकी, सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। इस वर्ष 20 जुलाई तक 35 आतंकी सुरक्षा बलों की गोली का निशाना बने हैं।
खास बात है कि इनमें 27 विदेशी और 8 लोकल आतंकी शामिल हैं। इन सबके बीच एक सवाल यह भी उठ रहा है कि बॉर्डर के किसी हिस्से में कहीं पर बड़ी ‘सेंध’ तो नहीं लगी है। जम्मू-कश्मीर में 71 ‘पाकिस्तानी’ आतंकी मौजूद हैं। सेना एवं दूसरे सुरक्षा बलों का दावा है कि हाल-फिलहाल कोई बड़ी घुसपैठ नहीं हुई है।
बॉर्डर पर पुख्ता चौकसी है। ऐसे में वे आतंकी कहां से और कैसे घुसे हैं। घाटी में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकियों के अलावा 38 लोकल दहशतगर्द भी मौजूद हैं।हाइब्रिड आतंकियों की मदद से ही टारगेट किलिंग की वारदात को अंजाम दिया जाता है। ये आतंकी, पब्लिक के बीच ही अंडर ग्राउंड वर्कर बनकर काम करते हैं। इन पर पुलिस या आम जनता को शक नहीं होता, क्योंकि ये उनके बीच में ही रहते हैं।