मंगलवार (22 नवंबर) सुबह असम-मेघालय बॉर्डर पर फायरिंग की घटना के बाद भड़की हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने लकड़ी की तस्करी कर रहे एक ट्रक को रोका था जिसके बाद झड़प हुई और एक फॉरेस्ट गॉर्ड सहित छह लोगों की मौत हो गई. इस घटना के बाद मेघालय सरकार ने अगले 48 घंटे के लिए 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी है.
मेघालय के वेस्ट जैंतिया हिल्स, ईस्ट जैंतिया हिल्स, ईस्ट खासी हिल्स, री-भोई, ईस्टर्न वेस्ट खासी हिल्स, वेस्ट खासी हिल्स और साउथ वेस्ट खासी हिल्स में इंटरनेट निलंबित किया गया है. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि घटना में मेघालय के पांच और असम के एक वन रक्षक सहित कुल छह लोगों की मौत हो गई. घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया.
कोनराड संगमा ने कहा कि मेघालय पुलिस की ओर से प्राथमिकी दर्ज कर जांच की गई. उन्होंने कहा कि घटना की मजिस्ट्रियल जांच शुरू की जाएगी. मैंने घटना पर असम के सीएम से बात की है और उन्होंने सहयोग का आश्वासन दिया है. वेस्ट कार्बी आंगलोंग के पुलिस अधीक्षक इमदाद अली ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ट्रक को मेघालय सीमा पर असम वन विभाग के एक दल ने तड़के करीब तीन बजे रोका.
उन्होंने बताया कि ट्रक के न रुकने पर वन विभाग के कर्मियों ने उस पर गोलियां चलाई और उसका टायर पंचर कर दिया. चालक, उसका एक सहायक और एक अन्य व्यक्ति को पकड़ लिया गया, जबकि एक अन्य व्यक्ति वहां से भाग निकला. अली ने बताया कि वन विभाग के कर्मियों ने घटना की जानकारी जिरिकेंडिंग थाने के अधिकारियों को दी. इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची.
उन्होंने बताया कि इसके बाद मौके पर भीड़ एकत्रित हो गई और गिरफ्तार किए लोगों की रिहाई की मांग करने लगी. भीड़ ने वन विभाग के कर्मियों और पुलिस को घेर लिया जिसके बाद स्थिति को नियंत्रण करने के लिए अधिकारियों को गोलियां चलानी पड़ी. अधिकारी ने कहा कि घटना में वन विभाग के एक होम गार्ड की मौत हो गई. स्थिति अब नियंत्रण में है. वन कर्मी विद्यासिंग लेखटे की मौत कैसे हुई, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के बीच मार्च में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के कुछ महीने बाद ये हिंसा हुई है. तब दोनों मुख्यमंत्रियों ने दोनों राज्यों के बीच 884.9 किमी लंबी सीमा के साथ 12 विवादित क्षेत्रों में से छह में पांच दशक पुराने विवाद को हल करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समझौते को ऐतिहासिक बताया था और कहा था कि इस पर हस्ताक्षर करने से 70% विवाद सुलझ जाएगा. शेष क्षेत्रों में विवाद को सुलझाने के लिए सरमा और संगमा ने अगस्त में बातचीत की थी.