कोरोना काल में बड़ी संख्या में प्रवासियों के लौटने से सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ने की उम्मीद परवान नहीं चढ़ पाई। बेसिक और जूनियर कक्षाओं में छात्र संख्या बढ़ने के बजाए इस साल भी छात्र संख्या गिरावट जारी रही। इस साल 22 हजार से ज्यादा छात्र कम हुए हैं।
यह जरूर है कि पिछले तीन साल से जहां हर साल तीस हजार से ज्यादा छात्र हर साल कम हो रहे थे। इस साल उनकी संख्या सात हजार कम रही है। शासन के सूत्रों के अनुसार मिड डे मील के हालिया आंकड़ों में छात्र संख्या की ताजा तस्वीर सामने आई है। इस साल पहली से आठवीं कक्षा तक छात्र में छह लाख 67 हजार 297 छात्र रजिस्टर्ड हैं। जबकि पिछले साल यह संख्या 6.89 लाख से ज्यादा थी।
प्रवासियों के बड़ी तादात में आने के बावजूद छात्र संख्या में गिरावट से शिक्षा अधिकारी भी परेशान हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरेाना काल में कई परिवार उत्तराखंड गए भी है। इनमें काफी बच्चे राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ते थे। कोरोना की वजह इस साल इस साल एडमिशन प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है। यह भी एक वजह हो सकती है।
वर्ष छात्र संख्या
2017-18 7,53,883
2018-19 7,23,146
2019-20 6,89,437
2020-21 6,67,297
(स्रोत: एमडीएम रजिस्ट्रेशन)
कोरोना काल का असर सभी क्षेत्रों पर पड़ा है। सरकार प्रयास कर रही है कि सरकारी स्कूल अपना पुराना गौरव हासिल करें। इसके लिए संसाधनों का विकास किया जा रहा है। स्कूलों में फर्नीचर, शौचालय, पुनर्निर्माण आदि के लिए विशेष रूप से बजट की व्यवस्था की गई है। पूरी उम्मीद है कि तस्वीर जरूर बदलेगी।