शर्मशार: यूपी में आगरा के डॉक्टर ने किया “ऑक्सीजन मॉकड्रिल”, 22 मरीजो की हो गई मौत, देखें वीडियो

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यूपी का आगरा एक बार फिर से सुर्खियों में है. यहां पर दिल्ली रोड स्थित पारस हॉस्पिटल है. इस हॉस्पिटल के मालिक और डॉक्टर अरिंजय जैन है. ‘पारस में भर्ती कोविड-19 के गंभीर मरीजों के साथ के मौत का खेल खेला’। अब पिछले 24 घंटे से ‘डॉ अरिंजय जैन का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसने पूरे प्रदेश की राजनीति को हिला कर रख दिया है’।

अब एक बार फिर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दल योगी सरकार पर पारस अस्पताल में मरीजों की हुई मौत पर सवाल उठा रहे हैं. आपको बता दें कि पारस हॉस्पिटल में 26 अप्रैल को 96 मरीज भर्ती थे. ‘अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या से डॉक्टर बेचैन थे, ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं होने पर डॉक्टर अरिंजय ने 26 अप्रैल की सुबह सात बजे पांच मिनट का ऑक्सीजन मॉकड्रिल कर दिया, ऐसे में गंभीर हालत वाले 22 मरीजों की मौत हो गई’। ‘वायरल हुये वीडियो में डॉक्टर बेशर्मी से कह रहा कि आक्सीजन कहीं नहीं है, आपको बता दूं कि कुछ लोग पेंडुलम बने रहे, नहीं जाएंगे-नहीं जाएंगे.

देखिये डॉक्टर अरिंजय जैन ने क्या कहा –

मैंने कहा- छोड़ो, अब छांटो जिनकी आक्सीजन बंद हो सकती है. एक मॉक ड्रिल करके देख लो, समझ जाएंगे, कि कौन मरेगा या नहीं मरेगा. मॉक ड्रिल की तो छटपटा गए, नीले पड़ने लगे. और जब, आक्सीजन रोकी तो 22 छंट गए’ (मर गए) बता दें कि उस दौरान जब अस्पताल के संचालक डॉक्टर अरिंजय जैन इस घटना का जिक्र कर रहे थे कि किसी ने वीडियो बना लिया जो अब वायरल हो रहा है. ‘मालूम हो कि कोविड-19 की पिछली लहर में आगरा मंडल में कोरोना फैलाने पर मुकदमा झेलने वाले इस अस्पताल को कोविड अस्पताल कैसे बना दिया गया ? वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया में भी यह मामला छाया हुआ है. लोग भी इस अस्पताल पर सवाल उठा रहे हैं.जिसमें डॉक्टर खुलकर कह रहा है कि पहले मॉक ड्रिल यानी पूर्वाभ्यास हुआ कि आक्सीजन बंद करने से कितने मरीजों की जान जा सकती है और अगले दिन पांच मिनट आक्सीजन आपूर्ति रोककर इन मरीजों की जान ले ली गई.

मरीजों की मौत पर राहुल और प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार पर उठाए सवाल–

पारस हॉस्पिटल के डॉ अरिंजय जैन का वीडियो वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. ‘विपक्ष हमलावर है, आगरा प्रशासन से लेकर उत्तर प्रदेश योगी सरकार के मंत्री अस्पताल संचालक के खिलाफ जांच और कार्रवाई का आश्वासन देने में लगे हुए हैं’। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की यूपी महासचिव प्रियंका गांधी ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. ‘कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी इसे मानवता के खिलाफ बताते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की है, उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि बीजेपी शासन में ऑक्सीजन ही नहीं, मानवता की भी कमी है’।

हालांकि अब अस्पताल और जिला प्रशासन की तरफ से सफाई दी जा रही है कि मॉक ड्रिल में 22 नहीं, कम मरीजों की मौत हुई थी. लेकिन, सवाल यह है कि क्या ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों के साथ मॉक ड्रिल करना ही अमानवीय नहीं है? इस वीडियो वायरल होने से उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन भी दबाव में आ गए हैं? प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि उन्हें पारस अस्पताल में ऑक्सीजन मुहैया किए जाने में हुई समस्या की शिकायत मिली है. इसकी जांच की जा रही है. वहीं जिले के डीएम ने कहा कि 26 अप्रैल को पारस अस्पताल में सात मरीजों की ही मौत हुई थी.

उन्होंने कहा कि अस्पताल में उस दिन 22 गंभीर मरीज भर्ती थे, लेकिन उन सबकी मौत का कोई डिटेल नहीं है. उन्होंने वायरल वीडियो की जांच किए जाने की भी बात कही है. दूसरी ओर मामले में योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि अस्पताल ने जघन्य अपराध किया है, कार्रवाई की जाएगी. जिलाधिकारी और सीएमओ के स्तर से जांच की जा रही है, छोड़ा नहीं जाएगा. सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि जो कृत्य अस्पताल ने किया है, उसकी सजा उन्हें मिलेगी. हम छोड़ेंगे किसी को भी नहीं. फिलहाल इस वीडियो के वायरल होने के बाद योगी सरकार को फिर झटका लगा है. बता दें कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में बिगड़े हेल्थ सिस्टम की वजह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देश और दुनिया में जबरदस्त किरकिरी हुई थी.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

मरीजों की मौत पर राहुल और प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार पर उठाए सवाल–

पारस हॉस्पिटल के डॉ अरिंजय जैन का वीडियो वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. ‘विपक्ष हमलावर है, आगरा प्रशासन से लेकर उत्तर प्रदेश योगी सरकार के मंत्री अस्पताल संचालक के खिलाफ जांच और कार्रवाई का आश्वासन देने में लगे हुए हैं’। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की यूपी महासचिव प्रियंका गांधी ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. ‘कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी इसे मानवता के खिलाफ बताते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की है, उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि बीजेपी शासन में ऑक्सीजन ही नहीं, मानवता की भी कमी है’।

हालांकि अब अस्पताल और जिला प्रशासन की तरफ से सफाई दी जा रही है कि मॉक ड्रिल में 22 नहीं, कम मरीजों की मौत हुई थी. लेकिन, सवाल यह है कि क्या ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों के साथ मॉक ड्रिल करना ही अमानवीय नहीं है? इस वीडियो वायरल होने से उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन भी दबाव में आ गए हैं? प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि उन्हें पारस अस्पताल में ऑक्सीजन मुहैया किए जाने में हुई समस्या की शिकायत मिली है. इसकी जांच की जा रही है. वहीं जिले के डीएम ने कहा कि 26 अप्रैल को पारस अस्पताल में सात मरीजों की ही मौत हुई थी.

उन्होंने कहा कि अस्पताल में उस दिन 22 गंभीर मरीज भर्ती थे, लेकिन उन सबकी मौत का कोई डिटेल नहीं है. उन्होंने वायरल वीडियो की जांच किए जाने की भी बात कही है. दूसरी ओर मामले में योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि अस्पताल ने जघन्य अपराध किया है, कार्रवाई की जाएगी. जिलाधिकारी और सीएमओ के स्तर से जांच की जा रही है, छोड़ा नहीं जाएगा. सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि जो कृत्य अस्पताल ने किया है, उसकी सजा उन्हें मिलेगी. हम छोड़ेंगे किसी को भी नहीं. फिलहाल इस वीडियो के वायरल होने के बाद योगी सरकार को फिर झटका लगा है. बता दें कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में पिछलेेे दिनोंं उत्तर प्रदेश में बिगड़े हेल्थ सिस्टम की वजह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देश और दुनिया में जबरदस्त किरकिरी हुई थी.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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