तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत करीब सौ से ज्यादा सांसद संसद भवन की मेन बिल्डिंग में ही मौजूद थे. गोलीबारी कर रहे आतंकवादियों का मंसूबा था कि उस बिल्डिंग में घुसकर सभी सांसदों और मंत्रियों को बंधक बना लिया जाए, लेकिन वो अपने इस नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए. गेट नंबर एक पर जख्मी हुए आतंकवादी के पास बैग में विस्फोटक था, उसने खुद को रिमोट से उड़ा लिया. इस बीच संसद भवन परिसर में दोनों तरफ से गोलियां चल रही थी. आतंकियों के पास एके-47 रायफल थी.
पांचों की पीठ पर हथियारों से लैस बैग टंगे थे. संसद परिसर के सभी गेट बंद कर दिए गए. तभी उनमें से एक आतंकवादी संसद भवन के गेट नंबर एक की तरफ दौड़ता है. वह संसद के अंदर घुसना चाहता था ताकि सांसदों को निशाना बना सके लेकिन वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उसे गोली मार दी. इस बीच सेना और एनएसजी को संसद पर हमले की सूचना मिल चुकी थी. 11.55 बजे के आसपास गेट नंबर एक पर दूसरे आतंकी को भी सुरक्षाकर्मियों ने ढेर कर दिया. आतंकी चारों तरफ से घिर चुके थे, उन्हें दो साथियों के मारे जाने की खबर लग चुकी थी, इसलिए वो किसी भी कीमत पर गेट नंबर 9 से संसद में घुसना चाहते थे.
वो गोलियां बरसाते हुए गेट नंबर 9 की तरफ बढ़े लेकिन 12 बजकर 5 मिनट के आसपास सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें घेर लिया. तभी आतंकी उन पर हथगोले फेंकने लगे. सुरक्षाकर्मियों ने एक-एक कर तीनों को भी मार गिराया. करीब 45 मिनट तक आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच फायरिंग होती रही थी. इस हमले में आतंकियों का सामना करते हुए दिल्ली पुलिस के पांच जवान, सीआरपीएफ की एक महिला कांस्टेबल और संसद के दो गार्ड शहीद हुए और 16 जवान इस मुठभेड़ में घायल हुए थे. सभी पांचों आतंकी तो मारे गए लेकिन इसके पीछे मास्टर माइंड कोई और था. हमले की साजिश रचने वाले मुख्य आरोपी अफजल गुरु को दिल्ली पुलिस ने 15 दिसंबर 2001 को गिरफ्तार किया.
संसद पर हमले की साजिश रचने के आरोप में सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त, 2005 को उसे फांसी की सजा सुनाई थी. उसने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर की थी. अफजल गुरु की दया याचिका को 3 फरवरी, 2013 को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया और 9 फरवरी, 2013 को अफजल गुरु को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई. आज संसद पर हमले की 20वीं बरसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी है.
–शंभू नाथ गौतम