आज मंगलवार को दिन व रात का समय बराबर होगा। बता दे कि बुधवार से उत्तरी गोलार्द्ध में दिन का समय बढ़ना शुरू हो जाएगा जबकि दक्षिणी गोर्ग्द्ध में रातें लंबी होनी शुरु हो जाएंगी।
आइये जानते है इसके पीछे का कारण क्या हैं।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय के अनुसार भारतीय समयानुसार 21 मार्च तड़के 2.54 बजे विषुव का समय होगा। मार्च विषुव को वसंत विषुव भी कहा जाता है।
हालांकि उत्तरी गोलार्द्ध में वसंत की शुरुआत है, जबकि दक्षिणी में शरद ऋतु का प्रारंभ होगा। विषुव मौसमी प्रभाव लाता है और पृथ्वी के दिनों के गोलार्द्ध में मौसम बदलना शुरू हो जाता है। पृथ्वी के अपने अक्ष में घूमने के अलावा साढ़े 23 अंश झुके होने के अलावा अपनी कक्षा में भ्रमण के चलते दिन व रात के समय में अंतर आता है।
साल में दो बार बराबर होते हैं दिन व रात
यह प्रक्रिया पूरे वर्ष चलती है और साल में दो बार दिन व रात बराबर होते हैं। सितंबर में भी दिन व रात बराबर होंगे। इस बीच 20-21 जून को वर्ष का सबसे बढ़ा दिन होगा। जबकि 21-22 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन व रात सबसे अधिक लंबी होती होती है।