यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने हाल ही में भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाली श्रृंखला राम सेतु या एडम ब्रिज की एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन तस्वीर शेयर की है. ये तस्वीर कोपरनिकस सेंटिनल-2 मिशन के तहत सैटेलाइट द्वारा ली गई है. बता दें कि, राम सेतु भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित रामेश्वरम द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट पर स्थित मन्नार द्वीप के बीच 48 किमी तक फैला है. यह हिंद महासागर का प्रवेश द्वार मन्नार की खाड़ी (दक्षिण) को, बंगाल की खाड़ी के एक प्रवेश द्वार, पाक जलडमरूमध्य (उत्तर) से अलग करता है.
राम सेतु की भौगोलिक स्थिति
गौरतलब है कि, राम सेतु का एक छोर मन्नार द्वीप का हिस्सा है. यह द्वीप लगभग 130 वर्ग किमी में फैला है, जोकि एक सड़क पुल और एक रेलवे पुल द्वारा मुख्य भूमि श्रीलंका से जुड़ा हुआ है. आप दोनों को द्वीप के दक्षिणी छोर से देख सकते हैं.
वहीं पुल का दूसरा छोर रामेश्वरम द्वीप का हिस्सा है, जिसे पंबन द्वीप के नाम से भी जाना जाता है. इस द्वीप तक भारतीय मुख्य भूमि से 2 किमी लंबे पंबन ब्रिज द्वारा पहुंचा जा सकता है. द्वीप पर दो मुख्य शहर हैं पश्चिमी किनारे पर पम्बन और पम्बन से लगभग 10 किमी पूर्व में रामेश्वरम.
राम सेतु का पौराणिक महत्व
गौरतलब है कि, हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, राम सेतु का निर्माण भगवान राम की सेना द्वारा समुद्र पार करने और लंका (वर्तमान श्रीलंका) तक पहुंचने के लिए किया गया था. भगवान राम लंका पहुंचे और अपनी पत्नी सीता को मुक्त कराया, जिन्हें लंका के राजा रावण ने बंदी बना लिया था.
हालांकि, पुल कैसे अस्तित्व में आया, इसके बारे में कई सिद्धांत हैं. भूवैज्ञानिक साक्ष्यों के अनुसार, पुल भूमि का वह हिस्सा है जो कभी भारत और श्रीलंका को जोड़ता था. अभिलेखों से पता चलता है कि, यह एक प्राकृतिक पुल है और 15वीं शताब्दी तक इसे पार किया जा सकता था, जिसके बाद वर्षों में तूफानों के कारण यह नष्ट हो गया.