लंबे समय से उठ रही फास्टैग व्यवस्था पर विराम लगने की मांग को चुनाव के बाद खत्म करने की संभावनाएं जताई जा रही हैं. आपको बता दें कि केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी एक निजी चैनल के कॅांक्लेव में ये घोषणा भी कर चुके हैं कि बहुत जल्द देश में फास्टैग व्यवस्था को खत्म किया जाएगा. साथ ही जीपीएस के माध्यम से टोल वसूली होगी. फिलहाल देश में चुनाव चल रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर फास्टैग खत्म करने को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. सूत्रों की दावा है कि विभाग पहले 100 दिनों में ही फास्टैग व्यवस्था को खत्म कर नई विधि से टोल टैक्स वसूली शुरू कर सकता है.
जानकारी के मुताबिक जीपीएस युक्त टोल व्यवस्था से ज्यादा पैसे कटने वाली समस्या खत्म हो जाएगी. आप जितने किमी टोल रोड को यूज करते हैं उतने ही पैसे प्रति किमी के हिसाब से आपके अकाउंट से सीधे काटे जाएंगे. केन्द्रीय मंत्री ने यहां तक दावा किया था कि इसी साल जीपीएसयुक्त सिस्टम (GPS enabled system) देश के हाईवेज पर लागू करने की योजना है. हालांकि कब तक ये व्यवस्था शुरू की जाएगी. इसकी कोई तिथि अभी तक निर्धारित नहीं की गई है. बताया जा रहा है कि अभी सिस्टम पर काम चल रहा है..
आपको बता दें कि वर्तमान में फास्टैग के माध्यम से टोल टैक्स लिया जाता है. इस व्यवस्था में एक खामी है कि एक टोल नाके से दूसरे टोल के बीच का पूरा पैसा लिया जाता है, भले ही आप आधी दूरी ही तय कर रहे हों, हों लेकिन पूरी दूरी का पैसा देना होता है. इससे टोल महंगा पड़ता है. जर्मनी में यह सिस्टम लागू है. वहां लगभग 99 फीसदी गाड़ियों में नेविगेशन सिस्टम से ही टोल वसूला जाता है. उसी सिस्टम को इंडिया में लागू करने की बात चल रही है. हालांकि व्यवस्था कब शुरू होगी इसकी कोई तिथि की आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है.
नई टेक्नोलॅाजी के मुताबिक जैसे ही हाईवे या एक्सप्रेसवे पर गाड़ी चलनी शुरू होगी, उसके टोल का मीटर ऑन हो जाएगा. अपना सफर खत्म करने के बाद गाड़ी जैसे ही हाइवे से स्लिप रोड या किसी सामान्य सड़क पर उतरेगी, तय दूरी के हिसाब से नेविगेशन सिस्टम पैसा काट लेगा. यह नया सिस्टम भी फास्टैग की तरह होगा, लेकिन पैसा उतना ही लगेगा जितना सफर तय होगा. अभी भारत में तकरीबन 97 फीसदी गाड़ियों में फास्टैग लगा है.

चुनाव के बाद खत्म हो जाएगी फास्टैग व्यवस्था! नई सरकार के गठन के बाद नई व्यवस्था शुरू होने की उम्मीद
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