सुकेश चंद्रशेखर के करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के मामले में सह आरोपी जैकलीन फर्नांडीस के खिलाफ आरोप तय करने को लेकर सुनवाई 12 दिसंबर के लिए टल गई. 12 दिसंबर को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट सुकेश चंद्रशेखर समेत तमाम आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने से पहले तमाम आरोपियों के वकीलों की दलील सुनेगी.
दलीलें सुनने के बाद ही अदालत यह तय करेगी कि क्या दिल्ली पुलिस ने सुकेश चंद्रशेखर और जैकलीन फर्नांडीस के खिलाफ आरोपपत्र में जो आरोप लगाए हैं वह बनते हैं या नहींं.
आरोप तय करने पर होने वाली बहस के दौरान जैकलीन फर्नांडीस के वकील अपनी दलीलों से अदालत को बताने की कोशिश करेंगे कि दिल्ली पुलिस ने जैकलीन के खिलाफ दायर चार्जशीट में जो आरोप लगाए हैं वह पूरी तरह बेबुनियाद है. आरोपी जैकलीन को इस धोखाधड़ी के बारे में जानकारी नहीं थी और वह तो खुद इसका शिकार बनी है.
आरोप तय करने को लेकर होने वाली बहस के बाद अदालत यह तय करेगी कि क्या दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में जिन बातों का जिक्र किया है उसको साबित करने के लिए उनके पास शुरुआती तौर पर तथ्य है या नहीं या फिर जैकलीन का जो पक्ष है वह शुरूआती की तौर पर सही है.
अगर अदालत जैकलीन पक्ष से संतुष्ट होती है तो वह दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में लगाए गए आरोपों को हटा भी सकती है. या यह भी मुमकिन है कि तमाम धाराओं में से कुछ धाराओं को हटा कर बाकी धाराओं में आगे मुकदमे की सुनवाई जारी रखें.
अगर अदालत को लगता है कि दिल्ली पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में लगाए आरोप शुरुआती तौर पर अदालत के सामने सही नहीं पाए जा रहे तो अदालत बिना आरोप तय किए हुए हैं जैकलीन को राहत दे सकती है यानी कि आरोप मुक्त कर सकती है.
लेकिन अगर अदालत को लगता है कि दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में जैकलीन के खिलाफ लगाए गए आरोपों को शुरुआती तौर पर साबित कर पाते हैं तो अदालत उन धाराओं के तहत आरोप तय कर मुकदमे की सुनवाई आगे बढ़ाएगी. यानी जैकलीन की मुश्किलें बढ़ेंगी या मिलेगी राहत यह आरोप तय करने को आने वाले अदालत के आदेश से काफी हद तक साफ हो सकता है.