गूगल क्रिएटिव डूडल, भूपेन हजारिका को दे रहा 96 वें जन्मदिन की श्रद्धांजलि

आज का गूगल डूडल बहुत खास है. गूगल ने आज यानी 7 सितंबर को क्रिएटिव डूडल बनाकर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर गायक और फिल्मकार डॉ भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि दी है. आज डॉ भूपेन का 96वां जन्मदिवस है और इस मौके को खास बनाने के लिए गूगल एक शानदार डूडल लेकर आया है.

आज का गूगल डूडल बहुत ही कलरफुल लग रहा है. इसमें भूपेन हारमोनियम बजाते हुए दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि डॉ भूपेन एक प्रसिद्ध असमी-भारतीय गायक थे. उन्होंने कई फिल्मों में संगीत दिया है, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया. गूगल डूडल और डॉ भूपेन के बारे में डिटेल में जानने के लिए नीचे पढ़ते हैं.

आज के गूगल डूडल को मुंबई की गेस्ट आर्टिस्ट रुतुजा माली ने बनाया है. इसमें डॉ भूपेन हारमोनिया बजाते हुए दिख रहे हैं. उन्होंने अपने गानों और संगीत से दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बनाई. डॉ भूपेन ने कई ऐसे गाने गाए हैं, जो आज भी लोगों को याद हैं और वे उन्हें गुनगुनाते रहते हैं.

गायक और संगीतकार होने के साथ-साथ डॉ भूपेन पूर्वोत्तर भारत के प्रमुख सामाजिक-सांस्कृतिक सुधारकों में से एक हैं. उनके संगीत की मदद से सभी क्षेत्रों में रहने वाले एकजुट हुए हैं.

उनके परिवार की बात करें तो डॉ भूपेन के पिता शिवसागर जिले के नजीरा कस्बे के रहने वाले थे. भूपेन हजारिका की शुरुआती पढ़ाई गुवाहाटी में हुई. फिर उन्होंने बीएचयू से राजनीति शास्त्र की पढ़ाई की.

कॉलेज के दौरान संगीत में उनकी रूचि बढ़ी. भूपेन ने बनारस में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, कंठे महराज और अनोखेलाल की संगति में शास्त्रीय संगीत का ज्ञान लिया. इसके बाद वे इसका यूज अपने असमिया गानों में करने लगे.

डॉ भूपेन ने मात्र 12 साल की आयु में ही 2 गाने लिख दिए थे. उन्होंने काफी कम आयु में प्रसिद्ध असमिया गीतकार ज्योतिप्रसाद अग्रवाल और फिल्म निर्माता बिष्णु प्रसाद राभा को अपने संगीत से प्रभावित किया. दोनों ही असम के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास के प्रमुख थे.

हजारिका की प्रतिभा देखकर दोनों ने उनका पहला गाना रिकॉर्ड करने में मदद की. भूपेन ने 10 साल की उम्र में ही अपने संगीत के करियर की शुरुआत कर दी थी. 12 साल की उम्र तक हजारिका दो फिल्मों के लिए गाने लिख और रिकॉर्ड कर रहे थे. इसमें इंद्रमालती: काक्सोट कोलोसी लोई और बिसवो बिजोई नौजवान. समय के साथ शामिल है.

भूपेन हजारिका को संगीत और संस्कृति में उनके योगदान के लिए कई अवॉर्ड से नवाजा गया है. इसमें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, दादा साहब फाल्के पुरस्कार, पद्म श्री और पद्म भूषण आदि शामिल हैं.

साल 2019 में उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया. गूगल डूडल ने जरिए उनकी 96वीं जंयती पर उन्हें श्रद्धांजली देकर गूगल ने फिर लोगों को उनके गानों और संगीत की याद दिलाई है.






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