फिल्म इंडस्ट्री के लिए पाइरेसी सालों से एक बड़ी समस्या रही है. ओटीटी के युग में यह और बढ़ गई है. अब पायरेटेड फिल्मों की क्वॉलिटी ऑरिजिनल फिल्मों के बराबर है. इस खतरे को रोकने की कोशिश में, दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 खराब वेबसाइटों पर अक्षय कुमार की फिल्म ‘राम सेतु’ के डिस्ट्रिब्यूशन, होस्टिंग, स्ट्रीमिंग और डाउनलोडिंग पर रोक लगा दी है.
हाई कोर्ट ने पायरेसी पर अंकुश लगाने और इससे सख्ती से निपटने पर जोर दिया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म के निर्माता और लेखक मामले को कोर्ट के समक्ष लेकर गए. उन्होंने कथित तौर पर 23 वीडियो-शेयरिंग वेबसाइटों की लिस्ट तैयार की, जो लोगों को फिल्मों और वेब सीरीज के लिंक डाउनलोड करने का ऑफर देते हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि फिल्म के निर्माण और प्रचार में किए गए निवेश और अधिनियम के प्रावधानों के तहत इसमें निहित विशेष अधिकार को देखते हुए, यह अदालत प्रथम दृष्टया वादी से सहमत है कि अगर खराब वेबसाइटें फिल्म को किसी भी तरह से फैलाती हैं तो यह वादी को आर्थिक रूप से प्रभावित करेगा और फिल्म के मूल्य को भी घटाएगा.’
याचिका में कथित तौर पर कहा गया है कि पहले फिल्म को रिलीज करना और फिर इसे अलग-अलग प्लेटफार्म पर देखने के लिए उपलब्ध कराना, इंडस्ट्री का रिवाज था. हालांकि, गलत तरीके से लाभ कमाने के लिए वेबसाइटें फिल्म की कॉपियां तैयार करती हैं और उन्हें फिल्म के नाटकीय रिलीज के साथ-साथ देखने, डाउनलोड करने और दर्शकों के लिए उपलब्ध कराती रही हैं.