दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रसिद्ध सेंट स्टीफंस कॉलेज सीयूईटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगा. यूजीसी का कहना है कि सेंट स्टीफन कॉलेज के सुप्रीम कोर्ट जाने से अन्य शिक्षण संस्थानों की प्रवेश प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए. वहीं यदि अन्य अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों की बात की जाए तो जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने सीयूईटी को अपनी स्वीकृति दी है.
जामिया ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 से कई स्नातक पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) को लागू करने का फैसला किया है.
अंडर ग्रेजुएट एडमिशन में सीयूईटी यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट को लेकर जामिया विभिन्न पाठ्यक्रमों में सहमति दे चुका है. विश्वविद्यालय ने अपनी सहमति के बारे में यूजीसी और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को भी सूचना दी है.
बीते दिनों दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में स्टीफंस को सीयूईटी का पालन करने को कहा है. दरअसल सेंट स्टीफंस कॉलेज ने सीयूईटी को 85 प्रतिशत और इंटरव्यू को 15 प्रतिशत वेटेज देने का निर्णय लिया था लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने इसे रद्द कर दिया है.
हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद स्टीफंस कॉलेज की गवनिर्ंग बॉडी ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है. माना जा रहा है कि इससे कॉलेज की दाखिला प्रक्रिया में कुछ विलंब हो सकता है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के अनुसार सेंट स्टीफंस कॉलेज का यह विवाद सीयूईटी प्रवेश प्रक्रिया को व्यापक रूप से प्रभावित नहीं करेगा, क्योंकि डीयू के अन्य सभी कॉलेजों ने इस प्रक्रिया को अपनी पूर्ण मान्यता दी है.
यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार के मुताबिक सीयूईटी को अपनाते समय सभी विश्वविद्यालयों की अपनी प्रवेश नीतियां रही हैं. इसलिए अन्य संस्थानों में एडमिशन प्रक्रिया प्रभावित नहीं होना चाहिए.