मंगलवार को पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि संसद के नए भवन में महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने से देश के नए भविष्य की शुरुआत हुई है. उन्होंने जोर देकर कहा कि लड़कियों के लिए भविष्य के नए दरवाजे खोलना उनकी सरकार की नीति है. पीएम मोदी ने विभिन्न सरकारी विभागों में 51,000 से अधिक नवनियुक्त कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के बाद वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से एक रोजगार मेले को संबोधित करते हुए शासन में प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग पर भी जोर दिया.
उन्होंने नवनियुक्त कर्मचारियों से कहा कि सरकारी योजनाओं में प्रौद्योगिकी के उपयोग से भ्रष्टाचार और जटिलताओं पर अंकुश लगा है तथा विश्वसनीयता और आराम में इजाफा हुआ है. प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को मिल रहीं प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी), ट्रेन टिकट की बुकिंग और डिजिटल लॉकर सहित अन्य सुविधाओं का हवाला देते हुए उन्होंने नवनियुक्त कर्मियों को ‘नागरिक-प्रथम’ की भावना से काम करने की सलाह दी. उन्होंने युवाओं से शासन में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग अधिक से अधिक करने के लिए कहा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार निरंतर निगरानी, मिशन मोड कार्यान्वयन और सरकारी योजनाओं में जन भागीदारी के आधार पर एक नई मानसिकता के साथ काम कर रही है और इसका उद्देश्य योजनाओं का 100 प्रतिशत क्रियान्वयन है. उन्होंने कहा कि यह देश के लिए ऐतिहासिक फैसलों और उपलब्धियों का समय है और हाल में संसद द्वारा पारित महिला आरक्षण विधेयक से देश की 50 प्रतिशत आबादी को काफी बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने कहा कि 30 साल से लंबित यह मुद्दा लोकसभा और राज्यसभा दोनों में रिकॉर्ड मतों से पारित हो गया है. उन्होंने कहा कि आज जिन युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया गया है उनमें कई तो ऐसे भी होंगे जिनका जन्म भी नहीं हुआ होगा जब इस विधेयक को पहली बार संसद में पेश किया गया था. उन्होंने कहा कि नए भारत का सपना बड़ा है और अंतरिक्ष से लेकर खेलों तक लड़कियों की मौजूदगी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें अब सशस्त्र बलों में शामिल किया जा रहा है.