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कोलकाता: स्विमसूट में तस्वीरें पोस्ट करने पर प्रोफेसर को नौकरी से निकालने पर आलोचनाओं का सामना कर रहा सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय

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कोलकाता| सोशल मीडिया पर स्विमसूट में तस्वीरें साझा करने को लेकर एक सहायक प्रोफेसर को कथित तौर पर इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने वाले कोलकाता के सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय को अब छात्रों और लोगों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.

हाल ही में यह खबर वायरल हो गई थी कि विश्वविद्यालय में ज्वाइन करने से पहले स्वीमिंग सूट में इंस्टाग्राम पर फोटो अपलोड करने को लेकर सहायक प्रोफेसर को मजबूरन इस्तीफा देना पड़ा.

यहीं नहीं इन फोटो के कारण जिस महिला प्रोफेसर को कथित तौर पर कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से इस्तीफा देना पड़ा था, उन्हें संस्थान की ओर से 99 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजने संबंधी खबर भी हाल ही में सामने आई थी. इससे पहले यह भी खबर सामने आई थी कि महिला प्रोफेसर इस नोटिस को अदालत में चुनौती देने वाली हैं.

महिला प्रोफेसर ने दावा किया था स्विमिंग सूट में तस्वीरें पोस्ट करने के कारण उन्हें पिछले साल अक्टूबर में इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था. उनके खिलाफ एक अभिवावक ने शिकायत की थी, जिसने अपने बेटे को सोशल मीडिया में उनकी तस्वीर को घूरते देखा था.

अभिवावक की शिकायत के बाद महिला प्रोफेसर ने थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी. इसमें उन्होंने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट हैक होने की आशंका जताई थी, क्योंकि उनकी तस्वीर उनके फॉलोअर्स के अलावा कोई नहीं देख सकता. जिस अभिवावक ने शिकायत की थी उसका बेटा सेंट जेवियर्स का ही छात्र है.

विश्वविद्यालय अधिकारियों से की गई शिकायत में कहा गया था, हाल ही में मेरा बेटा प्रोफेसर की स्वीमिंग सूट वाली तस्वीर देख रहा था. मैं दंग रह गया. इंस्टाग्राम पर जानबूझकर अंग प्रदर्शन करते इस तरह की तस्वीरें शेयर की गईं थीं. एक प्रोफेसर को सोशल मीडिया पर अपनी ऐसी तस्वीरें अपलोड करते हुए देखना अभिभावक के रूप में मेरे लिए बेहद शर्मनाक है, क्योंकि मैंने अपने बेटे को इन सबसे दूर रखने की कोशिश की है. यह अश्लील, असभ्य और अनुचित है. एक 18 वर्षीय छात्र अपनी प्रोफेसर को सार्वजनिक मंच पर अंग प्रदर्शन करते हुए देखता है, यह बहुत गलत है.

सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय, फरवरी 2017 में स्थापित एक जेसुइट विश्वविद्यालय, कोलकाता के प्रतिष्ठित सेंट जेवियर्स कॉलेज का स्नातकोत्तर विस्तार है, जिसकी स्थापना 1860 में हुई थी. जबकि कॉलेज कोलकाता में पार्क स्ट्रीट में स्थित है, विश्वविद्यालय के लिए परिसर कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में न्यू टाउन में स्थित है.

विश्वविद्यालय की ओर से प्रोफेसर को हटाने की खबर जैसे ही वायरल हुई तो अब संस्थान की आलोचना शुरू हो चुकी है.

हाल ही में, विश्वविद्यालय के छात्रों ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों की पितृसत्तात्मक मानसिकता के प्रतिबिंब के रूप में सहायक प्रोफेसर के इस्तीफे के लिए मजबूर करने के निर्णय का वर्णन करते हुए परिसर के भीतर पोस्टर लगाए.

नाम न छापने की शर्त पर कॉलेज के एक शिक्षक ने कहा, मैं लगभग दो दशकों से कॉलेज से जुड़ा हुआ हूं. कॉलेज या विश्वविद्यालय का छात्र संघ पारंपरिक रूप से गैर-राजनीतिक रहा है और छात्रों द्वारा अधिकारियों के खिलाफ परिसर के भीतर पोस्टर प्रदर्शित करने के बारे में पहले कभी नहीं सुना गया था.

इस मामले में एक याचिका पहले ही दायर की जा चुकी है, जिस पर शिक्षाविदों, मनोवैज्ञानिकों, फिल्म और टेलीविजन कलाकारों और नागरिक समाज के सदस्यों सहित 20,000 व्यक्तियों ने हस्ताक्षर किए हैं. इसे राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु को भेज दिया गया है और इस मामले में उनके हस्तक्षेप की मांग की गई है.

इस मामले में यूनिवर्सिटी के चांसलर एफआर फेलिक्स राज के खिलाफ सोशल मीडिया कैंपेन भी शुरू हो गया है, जिस पर कॉलेज और यूनिवर्सिटी दोनों के कई पूर्व और वर्तमान छात्रों समेत हजारों लोगों ने हस्ताक्षर और कमेंट किए हैं.

हालांकि, सार्वजनिक हंगामे के बावजूद, विश्वविद्यालय के शासी निकाय के सदस्यों ने तर्क के अपने पक्ष को पेश करने के लिए मीडिया तक पहुंचने से परहेज किया है.

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